गोण्डा:नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड द्वारा आज दिनांक 9 फरवरी 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में आयोजित किसान गोष्ठी संपन्न हुई । किसान गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि उपमा बहन प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा किया गया । मुख्य अतिथि ने किसानों से वैज्ञानिक खेती अपनाने का आह्वान किया तथा अपने स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाजों की खेती कर सेवन करने के लिए प्रेरित किया । डॉ. पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा ने किसानों को सिटी कम्पोस्ट बनाने की विधि एवं प्रयोग विधि की जानकारी दी । उन्होंने फसलों मे जैव उर्वरकों के प्रयोग को अत्यन्त लाभकारी बताया । जैव उर्वरकों के प्रयोग से फसल की उपज में वृद्धि होती है और गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त होता है । इसके प्रयोग से रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम किया जा सकता है, साथ ही पर्यावरण के लिए सुरक्षित है । जैव उर्वरकों में राइजोबियम कल्चर, एजेटोबेक्टर, पीएसबी कल्चर आदि की प्रयोग विधि की जानकारी दी । उन्होंने दलहनी फसलों में राइजोबियम कल्चर से बीज उपचार की जानकारी दी । दलहनी फसलों में फसल विशिष्ट राइजोबियम कल्चर का प्रयोग किया जाता है । प्रति 10 किलोग्राम बीज उपचार के लिए राइजोबियम कल्चर के एक पैकेट की आवश्यकता होती है । राइजोबियम कल्चर से बीज उपचार के लिए आधा लीटर पानी में 50 ग्राम गुड़ तथा एक पैकेट राइजोबियम कल्चर को घोला जाता है । इस घोल को 10 किलोग्राम बीज में अच्छी तरह लेपन कर दिया जाता है और बीज को छाया में सुखाकर बुवाई की जाती है । राजेश कुमार द्विवेदी क्षेत्रीय विक्रय प्रबंधक गोरखपुर ने नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के उत्पादों बेंटोनाइट सल्फर, पीएसबी कल्चर आदि की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि बेंटोनाइट सल्फर में 90% शुद्ध सल्फर होता तथा इसमें 10% बेंटोनाइट मिलाया जाता है । श्री द्विवेदी ने नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के उत्पाद पीएसबी कल्चर की प्रयोग विधि की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि पीएसबी कल्चर के प्रयोग करने से खेत में अनुपलब्ध फास्फोरस घुलनशील रूप में परिवर्तित हो जाता है । तथा फसल को फास्फोरस तत्व की प्राप्ति हो जाती है। डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने खरीफ एवं रबी फसलों की उत्पादन तकनीक, दलहनी- तिलहनी फसलों में गंधक का प्रयोग तथा मोटे अनाज की उत्पादन तकनीक की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि मोटे अनाज पोषण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं । वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है । भारत में एशिया का 80% तथा विश्व का 20% मोटे अनाज का उत्पादन होता है । मोटे अनाज की खेती कम संसाधनों तथा कम लागत में की जा सकती है । पोषण की दृष्टि से मोटा अजना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है । डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने कृषकों की आय बढ़ाने हेतु कृषि विविधीकरण अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि कृषि विविधीकरण के अंतर्गत खेती के साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि अपनाकर किसान भाई अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं । खेती के साथ पशुपालन करने पर पशुओं को हरा चारा उपलब्ध हो जाता है । दुधारू पशुओं से दूध का उत्पादन होने पर अतिरिक्त आय प्राप्त होती है । खेती और पशुपालन एक दूसरे के पूरक हैं । संजय अग्रहरि जिला प्रभारी नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ने जल विलेय उर्वरकों की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के जल विलेय उर्वरक गुणवत्तायुक्त हैं । इनका प्रयोग फसलों में करने से अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है । इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के डा.दिनेश कुमार पान्डेय, इन्द्रभूषण सिंह कार्यालय अधीक्षक, रोहित कुमार स्टेनोग्राफर, विक्रम सिंह यादव चालक सहित प्रगतिशील कृषकों छीटन प्रसाद यादव, राजेश कुमार वर्मा, रामसागर वर्मा, विनय कुमार सिंह, मेलाराम यादव आदि ने किसान गोष्ठी में प्रतिभाग कर खेती की उन्नत तकनीक की जानकारी प्राप्त की । किसान गोष्ठी में प्रतिभागी कृषकों को बेंटोनाइट सल्फर एवं पीएसबी कल्चर जैव उर्वरक का निशुल्क वितरण किया गया ।
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