वासुदेव यादव
अयोध्या। रामपथ के चौड़ीकरण की जद में आए पोस्ट ऑफिस अयोध्या (दुबे मंदिर) के भवन के अलावा उसके सामने स्थित छोटी कुटिया के भवन को गुरुवार की रात ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान स्थानीय व्यापारी एकत्र हो गये और भवन को 16-16 मीटर गहराई में तोड़ने का विरोध करने लगे।
हंगामे के दौरान भाजपा नेता शौमिल गुप्त समेत आधा दर्जन लोगों को हिरासत में भी लिया गया, लेकिन भवन के ध्वस्तीकरण के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। इसके पहले अधिकारियों से व्यापारियों की कहासुनी हुई। कहासुनी के दौरान मौके पर पहुंचे हनुमानगढ़ी के नागा संतों ने दुबे मंदिर के पूरे भवन को गिराने का आग्रह किया, लेकिन व्यापारी विरोध करते हुए बसंतिया पट्टी के महंत रामचरन दास को बुलाने की जिद करने लगे।
वैष्णव अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास ने कहा कि पट्टी महंत हम लोगों से अलग नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि उनकी वार्ता पहले ही विधायक वेदप्रकाश गुप्त से हुई थी। उन्होंने भाजपा मंडल अध्यक्ष बालकृष्ण वैश्य के साथ किरायेदारों को वार्ता के लिए भेजा। बताया कि पट्टी की ओर से पहले दुकानों के लिए दस लाख पगड़ी व पांच हजार मासिक किराए की मांग थी, लेकिन वार्ता में पांच लाख पगड़ी और 35 सौ मासिक किराया पर सहमति बन गयी। इसके बाद कहा गया कि पट्टी दुकानों का निर्माण कराकर देगी। इसके बाद अनावश्यक विवाद का औचित्य नहीं है।
जब सीओ ने कहा, जो नेतागिरी करे उन पर कार्रवाई करें
मामले के दौरान सीओ शैलेंद्र गौतम ने भीड़ को हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि जो भी नेतागिरी करे, उसके खिलाफ कार्रवाई करें। सीओ के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने भाजपा नेता और अन्य लोगों को कोतवाली लाकर बैठा दिया। देर रात तक चले इस हंगामे के दौरान एआरओ रामकुमार शुक्ल, एसडीएम मनोज कुमार, तहसीलदार आरके पाण्डेय, कोतवाल मनोज कुमार शर्मा एवं अन्य चौकी इंचार्ज मौजूद रहे।
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