उमेश तिवारी
काठमांडू / नेपाल:आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की मुश्किलें आने वाले एक-दो दिन में ही और बढ़ने वाली हैं। डालर की कमी के चलते यहां की सबसे बड़ी आयल रिफाइनरी को बंद कर दिया गया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों रुपए की कीमत में एतिहासिक तौर पर गिरावट हुई। इससे कच्चे तेल के आयात की क्षमता पर खासा असर पड़ा है। ऐसे में यह मुश्किल फैसला लना पड़ गया है। रिफाइनरी में कच्चा तेल ही नहीं बचा है।
31 जनवरी को लिखी गई थी चिट्ठी
सेनेरजिएको देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी है। इसके कंज्यूमर हेड सेल्स सैयद अदील आजम की तरफ से 31 जनवरी को पेट्रोलियम मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी गई थी। इसमें कहा गया था कि सेनेरजिएको रिफाइनरी को दो फरवरी तक बंद करना पड़े और यह 10 फरवरी से ही काम शुरू कर पाएगी जब तेल के जहाज पहुंचेंगे। इस रिफाइनरी को पहले बाइको पेट्रोलियम के तौर पर जाना जाता था। रिफाइनरी के पास 156,000 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल को प्रासेस करने की क्षमता है। यहां पर पेट्रोलियम, डीजल, भट्ठी के तेल और दूसरे पेट्रोलियम उत्पादों को रिफाइन करने का काम होता है।
सबकुछ हो जाएगा खत्म
आयल कंपनी एडवाइजरी कांउसिल की तरफ से पिछले दिनों आयल एंड गैस रेगुलेटरी अथारिटी को पिछले हफ्ते एक चिट्ठी लिखी गई थी। इसमें कहा गया था कि तेल उद्योग ढहने के कगार पर है। अगर तुरंत कोई कदम नहीं उठाया गया और आयात सुनिश्चित करने का प्रबंध नहीं किया गया तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। इस चिट्ठी में साफ-साफ लिखा था कि तेल की कीमतें बढ़ रहीं हैं और पाकिस्तान का रुपया लगातार गिर रहा है। पिछले 18 महीनों में इसमें एतिहासिक गिरावट हुई है। रुपए की कीमतों में गिरावट के चलते एलसी (लेटर ऑफ क्रेडिट) की सीमा 15 से 20 फीसदी ही रह गई है। ओसीएसी की तरफ से बैकिंग सेक्टर से अनुरोध किया गया था कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के जरिए सदस्य कंपनियों की सीमा को बढ़ाया जाए।
कंपनी को हुआ बड़ा घाटा
सेनेरजिएको रिफाइनरी की तरफ से स्टॉक मार्केट को बताया गया था कि अक्टूबर 2022 में आई बाढ़ की वजह से बाजार को जोड़ने वाले सभी सड़क और पुल बह गए हैं। ऐसे में वैकल्पिक रास्तों के जरिए तेल आयात करना पड़ रहा है। लेकिन इसकी वजह से रिफाइनरी को काफी घाटा हो रहा है। पिछले साल इसी समय में कंपनी को 751 मिलियन डालर का शुद्ध लाभ हुआ था तो इस बार उसे 4.6 अरब डालर का नुकसान हो चुका है।
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