शनि केसरवानी
प्रयागराज संगम नगरी माध मेला में बागेश्वरधाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गुरुवार को माघ मेला पहुंचे। यहां संगम स्नान के बाद कई शिविरों में जाकर उन्होंने साधु संतों से मुलाकात की। उनके माघ मेले में आने की सूचना पर बड़ी संंख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंच गए। इससे रेती पर काफी गहमा-गहमी का माहौल रहा।
लोगों को संभालने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। बागेश्वर धाम के स्वागत के लिए सतुआ बाबा सहित कई संत पहुंचे। धीरेंद्र शास्त्री मेजा के कुंवरपट्टी में चल रहे मां शीतला कृपा महोत्सव में भी दोपहर बाद हिस्सा लेंगे। यहां पर एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है। सुबह से ही यहां लोग पहुंचने लगे हैं।
संगम स्नान के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सहित कई संतों से मुलाकात की। इसके बाद वह स्वामी रामभद्राचार्य के शिविर में भी पहुंचे। इसके पूर्व खाक चौक स्थित सतुआ बाबा के आश्रम में काफी देर तक रहे और लोगों से मुलाकात की।
बागेश्वर धाम के पहुंचने पर संगम पर भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई उनकी एक झलक पाने के लिए बेकरार दिखा। लोगों को काबू करने में पुलिस के पसीने छूट गए। काफी धक्कामुक्की के बाद उन्हें वाहन में बैठाकर सतुआ बाबा के आश्रम ले जाया गया।
माना जा रहा है कि सीएम योगी 3 फरवरी को प्रयागराज पहुंचेंगे तब धीरेंद्र शास्त्री उनसे भी मुलाकात कर सकते हैं। धीरेंद्र शास्त्री बीते कई दिनों से अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने पाकिस्तान में रामकथा और रामचरितमानस विवाद में क्या कहा था पढ़ें...
'पाकिस्तान में भी रामकथा करेंगे'...
धीरेंद्र शास्त्री ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी रामकथा वाचन की बात कही। धीरेंद्र शास्त्री बोले, हमने बहुत पहले ही पाकिस्तान में रामकथा की घोषणा की थी। अगर वहां लोग तैयारी कर रहे हैं और हमें बुलाते हैं तो हम तो वहां राम कथा करेंगे। उन्होंने अपने हास-परिहास के अंदाज में आगे कहा, बहुत जोरदार कथा करेंगे, जिसके बाद बहुत से पाकिस्तानी भारत में आ जाएंगे, चिंता मत करो।
'रामचरितमानस का विरोध करने वालों को मज़ा चखाना पड़ेगा'...
रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा, यह घोर निंदनीय कृत्य है। इस पर हमारा यही कहना है, इसके पीछे लंबी साजिश है, जो तथा कथित लोगों के द्वारा की गई है। आपके वैचारिक भेद हैं तो ठीक हैं।
अपनी बात बोल सकते हैं, पर किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकते। आपको यह अधिकार नहीं है, हम वाणी से बोल सकते हैं, अपनी बात बोल सकते हैं। हमारा इतिहास है, आज तक हमने किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं बोला, लेकिन अपने धर्म के पक्ष में बोला। रामचरितमानस के साथ जो किया गया, वह निंदनीय है और इसे देखने वाले भी निंदनीय हैं। इसलिए हमने प्रत्येक सनातनी से प्रार्थना की है कि इनको तो मजा चखाना पड़ेगा।
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