उमेश तिवारी
काठमांडू / नेपाल:पाकिस्तान का हाल बेहाल है। पाकिस्तान में महंगाई का ऐसा महाविस्फोट हुआ है कि लोगों के लिए रोजमर्रा की चीजें खरीदना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक मदद के लिए शहबाज शरीफ की सरकार पूरी दुनिया के सामने हाथ फैला रही है। लेकिन कहीं से भी पाकिस्तान को राहत नहीं मिल रही है। डालर के मुकाबले पाकिस्तान करेंसी की कीमत लगातार कम होती जा रही है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की भी कमी है। पाकिस्तान का हाल श्रीलंका की तरह ही होने लगा है। श्रीलंका में भी खाने पीने की चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए थे। लोग बाजारों में झगड़ा कर रहे थे। ठीक इसी तरह का माहौल अब पाकिस्तान में भी नजर आ रहा है। महंगाई ने पाकिस्तान में पिछले 48 वर्षों का रेकार्ड तोड़ दिया है। लोगों को दूध और चावल तक खरीदना मुश्किल हो गया है। आईएमएफ से बेलआउट पैकेज नहीं मिलने के बाद अब पाकिस्तान पर दिवालिया होने की तलवार लटक रही है। यहां महंगाई से लोगों का जीना मुहाल है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल, विदेशी कर्ज का बोझ और विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है।
पाकिस्तान की करेंसी का बुरा हाल
पाकिस्तान की करेंसी का हाल काफी बुरा है। पाकिस्तानी करेंसी का बहुत ही बुरा हाल है। पाकिस्तानी रुपया डालर के मुकाबले 230.93 रुपये के नीचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले तीन महीनों में पाकिस्तानी रुपये के दाम में डालर के मुकाबले 12 रुपये से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल अक्टूबर में डालर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 217.79 आंकी गई थी। पड़ोसी देशों से तुलना करें तो पाकिस्तान की करेंसी का हाल नेपाल और बांग्लादेश की करेंसी से भी खराब हो गया है। अभी मौजूदा वक्त में 1 डालर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 217.79 है। वहीं एक डॉलर के मुकाबले श्रीलंका रुपया 363.11 पर है, नेपाली रुपया 130.34 पर, बांग्लादेशी टका 103.34 पर और भारतीय रुपया 81.62 पर है।
बंदरगाहों पर फंसे कंटेनर
पाकिस्तान के बंदरगाहों पर हजारों की तादाद में कंटेनर फंसे हुए हैं जिसमें कई बेहद जरूरी सामान लदे हुए हैं। पाकिस्तान इस समय विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी से जूझ रहा है। इसको देखते हुए आयात पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इससे अब पाकिस्तान में अब भारी तादाद में बेरोजगारी पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। पाकिस्तान में डालर का रिजर्व 3 अरब डालर के आसपास पहुंच गया जो 1998 के बाद सबसे कम है। पाकिस्तान में डालर संकट की वजह से कई उद्योग जैसे स्टील, कपड़ा उद्योग और दवा उद्योग लगभग बंद हो गए हैं। इससे हजारों की तादाद में फैक्ट्रियों में ताला लग गया है। इससे देश में भारी संख्या में बेरोजगारी का संकट पैदा हो गया है।
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