Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

मनकापुर:मोटे अनाज की खेती पर सेवारत प्रशिक्षण संपन्न



मोहम्मद सुलेमान 

गोण्डा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में चल रहा दो दिवसीय मोटे अनाज की खेती पर सेवारत प्रशिक्षण संपन्न हुआ । प्रशिक्षण का समापन डॉक्टर पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा द्वारा किया गया । इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने का आह्वान किया । मोटे अनाज पोषण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं । इनकी खेती कम संसाधनों एवं कम लागत में की जा सकती है 

 मोटे अनाजों की खेती से प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग पर रोक लग सकती है,साथ ही रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग को खत्म किया जा सकता है । प्रशिक्षण समन्वयक डॉ रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने मोटे अनाजों ज्वार, बाजरा की खेती हेतु उन्नतशील प्रजातियां, बीज शोधन एवं बीज उपचार, बीज की बुवाई,खरपतवार प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन तथा फसल सुरक्षा प्रबंधन की जानकारी दी । उन्होंने दीमक के नियंत्रण के लिए क्लोरपीरिफॉस 20 ईसी की एक लीटर मात्रा को प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करने की सलाह दी अथवा जैविक फफूंदनाशी ब्युवेरिया बेसियाना की एक किलोग्राम मात्रा को 25 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद के साथ मिलाकर एक सप्ताह रख देने से  फफूंदी गोबर की खाद में विकसित हो जाती है । और इस खाद को एक एकड़ खेत में खेत की तैयारी करते समय मिलाना चाहिए । इससे दीमक सहित अन्य कीटों का भी प्रबंधन होता है । डॉक्टर मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने मोटे अनाजों की खेती के लिए कार्बनिक खादों के प्रयोग एवं महत्व की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि मोटे अनाज की प्राकृतिक खेती कर किसान भाई बगैर रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग के फसल का उत्पादन कर सकते हैं । डॉक्टर दिनेश कुमार पांडे ने सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दी 

 उन्होंने बताया की मोटे अनाज की खेती वर्षा आधारित की जा सकती है । फसल की क्रांतिक अवस्थाओं में सीमित सिंचाई कर उपज ली जा सकती है । वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है । मोटे अनाज की खेती कृषकों में लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है । मोटे अनाज स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं । मोटे अनाज को श्री अन्न नाम दिया गया है । इसमें ज्वार, बाजरा, कोदों, सावां, कंगनी,कुटकी, रागी तथा चीना हैं । प्रशिक्षण में कृषि विभाग के विकासखंड मुजेहना, छपिया, बभनजोत तथा मनकापुर के प्राविधिक सहायकों, बीटीएम तथा एटीएम द्वारा प्रतिभाग किया गया । प्रशिक्षण में अनुज कुमार वर्मा प्रभारी राजकीय कृषि बीज भंडार मनकापुर, राजेश जायसवाल, रजनीश कुमार मिश्रा, रोहित कुमार सिंह, ओंकार सिंह, कमलेंद्र सिंह, आशीष कुमार शुक्ला आदि द्वारा प्रतिभाग कर मोटे अनाज की खेती पर जानकारी प्राप्त की गई ।

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे