आनंद गुप्ता
पलिया कलां खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व के घने जंगलों से घिरे करीब 4 दर्जन ग्रामों के सैकड़ों आदिवासी स्त्री- पुरुष आज नारेबाजी करते हुए तहसील पहुंचे और उन्होंने थारू आदिवासी ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति महासंघ के पैड पर दुधवा नेशनल पार्क व टाइगर रिजर्व वर्जित क्षेत्र में वन अधिकारियों द्वारा स्वयं वन कटान करा, उन्हें फर्जी केस में फंसाए जाने का आरोप लगा उपजिलाधिकारी पलिया कार्तिकेय सिंह को एक ज्ञापन सौंपा।
उपजिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में वन अधिकार कानून 2006 का हवाला देते हुए वन विभाग के अधिकारियों पर लोगों के अधिकारों का बुरी तरह हनन किए जाने सहित स्वयं वन कटान कराकर नेपाल भेजने एवं उनके झूठे केस आदिवासी थारूओं पर दर्ज कर देने का आरोप लगाया ।
ज्ञापन में आगे कहा है कि संरक्षित बताए गए जंगल में कटवाए गए पेड़ों के उनके पास अनेक फोटोग्राफ भी हैं । इसके अतिरिक्त उन्होंने पर्यावरण संरक्षण एवं वनों की सुरक्षा हेतु मौका मुआयना कर कार्यवाही करने की अपील भी की है, ताकि मानवीय जीवन सहित सभी तरह के जीवों की रक्षा हो सके।
इनको भी भेजी गई ज्ञापन की प्रतियां
ज्ञापन की प्रतियां जिलाधिकारी खीरी ,मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, निदेशक जनजातीय विभाग उत्तर प्रदेश, सचिव उत्तर प्रदेश एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को भी प्रेषित की गई हैं ।
ज्ञापन देने वालों में शामिल
सूंड़ा वन ग्राम समिति अध्यक्ष निवादा राना, सचिव राम आसरे, नझोटा के अध्यक्ष भिक्खू लाल, कजरिया के सदई राना, भट्ठा के हरद्वारी लाल, भूड़ा के प्रताप राना, सहित रमेश, देवेश, अनीता, रामदास, मौली राम, भल्लू, सूरज सहित अनेक ग्राम स्तरीय वनाधिकार समितियों के पदाधिकारी व सदस्यों के ज्ञापन पर हस्ताक्षर हैं।
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