रजनीश / ज्ञान प्रकाश करनैलगंज(गोंडा)। नगर के रामलीला मैदान में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव में प्रभु राम के जन्मोत्सव व उनके बाल लीलाओं का वर्णन हुआ। भगवान का जन्म होते ही पूरा पंडाल जय श्रीराम के नारे से गूंज उठा।
रामनाम के उदघोष के साथ प्रभु राम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। कथा वाचक पंडित रमेश जी शुक्ल महाराज ने कहा कि आज के समय में हर घर में लड़ाई झगड़े और अशांति का वातावरण बना हुआ है।
श्रीराम के आदर्श और श्री राम की कथा ऐसे संतप्त जीवन में अमृत की धार जैसा कार्य करती हैं क्योंकि श्री राम कथा ही हमें अपने संबंधों के प्रति समर्पण और त्याग की भावना के लिए प्रेरित करती है।
भगवान राम के चरित्र को श्री रामचरितमानस के माध्यम से गोस्वामी तुलसीदास ने प्रभु श्री राम के चरित्र का वर्णन करते हुए प्रभु श्रीराम के उदारता शालीनता और त्याग की भावना का भली-भांति वर्णन किया है।
जिस परिवार में लोग एक दूसरे के लिए त्याग व समर्पण की भावना रखते हैं वह घर स्वर्ग से भी बढ़कर सुख देने वाला हो जाता है। समाज में बढ़ रही कुरीतियों को लेकर भी कथा प्रवक्ता ने श्री राम कथा के माध्यम से लोगों को जागृत किया और कहा कि दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध है।
प्राचीन समय से हर माता पिता अपनी बेटी के लिए अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार सामग्री व सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद प्रदान करता है। जिस घर में महिला उत्पीड़न व रोज लड़ाई झगड़े होते हों उस घर में लक्ष्मी का वास नही होता।
जिस घर में भगवान का मंदिर हो रोज सुबह पूजन व भगवान का नाम लिया जाता हो वहां धन-धान्य की समृद्धि होती है। कथा प्रवक्ता ने कहा सत्संग से संस्कार आते है। मानव जीवन के लिए संस्कार बहुत ही आवश्यक हैं ।
मनुष्य के भौतिक अध्यात्मिक और सामाजिक विकास के लिए सत्संग ही एकमात्र साधन है जो वास्तविकता में एक साधारण से मनुष्य को एक विशिष्ट मानव में परिवर्तित करने की सामर्थ्य रखता है। कथा मंच व संचालन पण्डित निर्मल शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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