जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
5.5 हेक्टेयर भूमि में बनेगा एक द्वार
18 करोड़ रुपये होंगे द्वार के निर्माण पर खर्च
पंश्याम त्रिपाठी
गोण्डा। रामनगरी अयोध्या को धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए प्रयत्नशील प्रदेश सरकार ने अयोध्या में प्रवेश करने वाले छह मार्गों पर प्रवेश द्वार बनाने का निर्णय लिया है।
प्रस्तावित स्वागत द्वारों में दो गोण्डा जनपद में बनेंगे। जिसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने जमीन के मूल्यांकन के लिए कमेटी गठित कर दी है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार प्रत्येक प्रवेशद्वार का निर्माण 5.50 हेक्टेयर जमीन में किया जाएगा। इनमें एक स्वागत द्वार का निर्माण गोरखपुर अयोध्या से होकर राजधानी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर तरबगंज तहसील के इस्माइलपुर गांव की सीमा में बनेगा, जबकि दूसरे द्वार का निर्माण गोंडा- कटरा शिवदयालगंज की ओर से अयोध्या में प्रवेश करने वाले मार्ग पर टेढ़ी नदी पर बने पुल के पास देवईपुर गांव में किया जाएगा।
पर्यटन विभाग ने इनके निर्माण की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। प्रत्येक द्वार के निर्माण पर 17 से 20 कराेड़ रुपये तक खर्च होने का अनुमान है। प्रवेश द्वारों के निर्माण से अयोध्या के उत्तर गोंडा जिले को भी धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्व बढ़ जाएगा। इस द्वार का नाम श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर लक्ष्मणद्वार नाम से बनेगा।
''गोण्डा की ओर दो प्रवेशद्वार बनाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण एवं उसके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जमीन अधिग्रहण के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।
राजेंद्र प्रसाद यादव, उप निदेशक पर्यटन अयोध्या एवं देवीपाटन मंडल
द्वार पर बनेंगा सुपर मार्केट
प्रवेश द्वारों पर न केवल आधुनिक सुख-सुविधाओं से सुसज्जित गेस्ट हाउस का निर्माण कराया जाएगा, बल्कि रामनगरी के अनुरूप खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने वाले फूड कोर्ट का भी निर्माण होगा।
यहां पेट्रोल पंप एवं पार्किंग की सुविधा तो होगी। इसके साथ ही सुपर मार्केट का भी निर्माण कराया जाएगा। यह मार्केट ऐसी व्यवसायिक गतिविधियों से सुसज्जित होंगे, जो महानगरों में ही सुलभ हैं।
द्वार के निर्माण से स्थानीय लोगों को भी जहां रोजगार मिलेगा। भाजपा नेता अवधेश सिंह ने बताया कि क्षेत्र के करीब 60 गांव अयोध्या विकास प्राधिकरण में आ रहे हैं मंदिर निर्माण के साथ साथ जनपद का भी विकास होगा यह स्थान भी ऐतिहासिक महत्व रखता है।
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