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किसान व पशुपालकों के लिए खास खबर: पाला व कोहरे से फसलों का बचाव जरूरी



मौसम अलर्ट: भारत मौसम विज्ञान विभाग व मौसम केन्द्र लखनऊ द्वारा प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार लखनऊ जनपद में अगले 48 घंटे के लिए कोल्ड डे,शीतलहर, घना कोहरा छाए रहने के  लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है ।


 अतः सभी किसान भाइयों को सलाह दी जा रही है कि पाला पड़ने की संभावना को देखते हुए खेत में हल्की हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए । इससे मिट्टी का तापमान कम नहीं होता है ।  डॉ. पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर ने बताया कि नर्सरी के पौधों एवं सब्जी वाली फसलों को लो कॉस्ट पॉली टनल में उगाना अच्छा रहता है या फसल को पॉलिथीन अथवा पुआल से ढंक देना चाहिए ।


 वायुरोधी बोरे की टाटियां को हवा आने वाली दिशा की तरफ से बांधकर क्यारियों के किनारों पर लगाने से पाले और शीतलहर से फसलों को बचाया जा सकता है ।


  • केला एवं पपीता की फसल 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान होने पर वृद्धि प्रभावित होने लगती है ।पौधे झुलसे हुए दिखाई देते हैं ।

  • दीर्घकालीन उपाय के रूप में फसलों को बचाने के लिए खेत की मेड़ों पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे शीशम, बबूल और जामुन आदि लगा देने चाहिए । जिससे पाले और शीतलहर से फसल का बचाव होता है ।


पशुपालन संबन्धित सलाह 

  • पशु को ताजा व स्वच्छ पानी ही पिलाएं। नवजात पशु के बच्चों व बीमार पशुओं को रात के समय किसी बोरी या तिरपाल से ढक दें तथा सुबह धूप निकलने पर हटा दें। 


डॉक्टर रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने बताया कि

  • पशुओं को हरा चारा विशेषकर बरसीम के साथ भूसा मिलाकर खिलाएं। 
  • रात के समय में पशुओं को सूखा चारा आहार के रूप में उपलब्ध कराएं।


सामान्य सलाह

  • अपनी त्वचा को नियमित रूप से तेल/क्रीम से मॉइस्चराइज़ करते रहे ।

  • पर्याप्त प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और पर्याप्त तरल पदार्थ सम्भव हो तो गर्म तरल पदार्थ खाएं।

  • बाहरी गतिविधियों से बचें या सीमित करें।

  • गुनगुना पानी पिये और अपने शरीर को गर्म कपड़े से ढके । बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें,त्वचा को जोर से न रगड़ें।

  • हीटर का उपयोग करते समय वेंटिलेशन बनाए रखें । जहरीले धुएं में सांस लेने से बचें।

  • सल्फर पौधों में रोगरोधिता बढ़ाने और फसल को जल्दी पकाने में भी सहायक होता है । सल्फर (गंधक) के प्रयोग से पौधों में गर्मी बनती है । अत: 6-8 किग्रा सल्फर धूल प्रति एकड़ के हिसाब से डाल सकते हैं या घुलनशील सल्फर की 2 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करने से पाले के असर को कम किया जा सकता है ।

  • सरसों, गेहूं,आलू और मटर जैसी फसलों को पाले से बचाने के लिए सल्फर (गंधक) का छिड़काव करने से रासायनिक सक्रियता बढ़ जाती है और पाले से बचाव के अलावा पौधे को सल्फर तत्व भी मिल जाता है

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