गोण्डा: सूबे के मुखिया सूबे को भ्रष्ट्राचार मुक्त होने का दम भर रहे है। लेकिन भ्रष्ट्राचार राजनीति के जमीनी पायदान पर चरम पर है। मामले ग्राम पंचायत सदस्य ने उच्चाधिकारियों को आठ विन्दुओ पर शिकायती पत्र देते हुए लाखों रुपए सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप लगाया। जिसमे जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग भी की है।
मनकापुर विकासखंड के बिशुनपुर ग्राम पंचायत सदस्य मेवालाल पुत्र सन्तोखी ने उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के मुख्य सचिव को दिए गए आठ विंदुओ के शिकायती पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायत विशुनपुर में ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक से साठगाँठ करके सचिव द्वारा इण्डियामार्का हैण्ड पम्पों के मरम्मत व रिबोर के नाम पर बार-बार धन आहरित किया गया है।
आरोप है कि दिनांक-23.03.2021 को इंडियामार्का रिवोर के नाम पर 195000 / - श्री कृष्णा कास्ट्रेक्शन सप्लायर आहारित किया गया पुनः उसी इंडियामार्का हैण्डपम्प रिवोर के नाम पर दिनांक - 19.11.2022 को शिव जनरल आर्डर सप्लायर के नाम से रू0 1,82,000/- रिबोर व रू0 40,800 हैण्डपम्प मरम्मत के नाम पर आहरित किया गया है।
गाँव में सेनेटाइज कराने के नाम पर धन निकालकर सरकारी धन की बंदर बाँट हो रही है साथ ही साथ साफ सफाई के नाम पर रू० 50,000 फेंक आहरण कराया गया है।15वें वित्त से पंचायत भवन सामग्री के नाम पर रू0 1,75000/- दिनांक 07.08.2022 को आहरित किया गया पुनः दिनांक - 17.10.2022 का पंचायत भवन सामग्री के नाम पर 31,500 निकाला गया है।
वृक्षारोपण के नाम पर धन आहरित करके कोई वृक्ष नही लगाया गया तथा विना वृक्ष लगाय दुवारा इनकी निराई गुडाई के नाम पर मनरेगा से धन अहरित किया गया है। मनरेगा का मास्टर रोल फर्जी तैयार किया जाता है। गाँव का काम कभी कभार मशीन से कराकर फर्जी फोटो खिचाई जाती है रोजगार सेवक के जीजा राजेश पाण्डेय जोकि ब्लाक मनकापुर में स्थापना बाबू के पद पर तैनात है ।
इनकी मिली भगत से सारा मनरेगा के धन का दुरूपयोग हो रहा है। प्राथमिक विद्यालय पिकौरा (गोसाई दिवा) के बाड़ी वाल निर्माण में घटिया ईंट व अधोमानक निर्माण सामग्री लगाकर निर्माण कराया जा रहा है जबकि शासकीय आहरण उच्च गुणवत्ता वाले मानको की निमार्ण सामग्री के लिए किया गया है।
पूर्व में बिना कार्य भुगतान की जनशिकायत व दैनिक समाचार पत्र 07.11.2021 - (मनरेगा में बिना कार्य के भुगतान विरोध पर महिला प्रधान समेत तीन को पीटा) शीर्षक से प्रकाशित समाचार पत्र को दबंगों के प्रभाव में बिना कार्यवाही के दबा दिया गया।
रोजगार सेवक व प्रधान द्वारा गाँव के आर्थिक व कमजोर वर्ग के लोगो से सरकारी योजनाओं आवास, पेशन व अन्य के लिए भारी रकम वसूली की जाती है।
कि ग्राम पंचायत के विभिन्न योजनाओं के चयन हेतु कभी कोई खुली बैठक नहीं की जाती बल्कि मनमाने तरीके से प्रधान व रोजगार सेवको द्वारा प्रस्ताव लिखकर सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कूटरचना की जा रही है।
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