उमेश तिवारी
काठमांडू / नेपाल:वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान ने विकास में अपनी क्षमता का इस्तेमाल ही नहीं किया। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान मे लगभग 1500-1600 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से बनती है, जबकि उसके पास क्षमता 30 लाख मेगावाट की है। पवन उर्जा की भी यही हालत है।
पाकिस्तान के पास क्षमता लगभग साढ़े तीन लाख मेगावाट की है।लेकिन अभी वो उत्पादन सिर्फ 1400 मेगावाट के आसपास ही कर रहा है।
रोटी के लिए जंग
दरअसल, पाकिस्तान अगर सही से अपने संसाधनों का इस्तेमाल करता तो ये नौबत नहीं आती। जनता आंटे के पीछे भाग रही है और सरकार दुनियाभर में भिखारी बन कर मदद के लिए दर-दर भटक रही है।
पाकिस्तान में आंटे के लिए मची मार दुनिया देखकर हैरान रह चुकी है, उसने देखा कि कैसे एक आंटे की बोरी के लिए लोग एक दूसरे से झगड़ रहे हैं। अपने ही देशवासियों को नाले में गिरा रहे हैं।
पाकिस्तान में रोटी से लेकर गैस और बिजली तक के लिए लोग तरस रहे हैं। ताजा हालातों की बात करें तो गेहूं की किल्लत के चलते आंटे का दाम 150 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है। पाकिस्तान में चिकन 650 पये प्रति किलो और दूध 150 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। रसोई गैस सिलेंडर का दाम 10,000 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच चुका है।
आतंकवाद प्रेम में बर्बाद पाकिस्तान
बताते चलें कि जिस कश्मीर के लिए पाकिस्तान बर्बाद हो गया, जहां आतंकवादी भेजकर उस पर आतंकिस्तान का ठप्पा लग गया। उस कश्मीर के सुदूर इलाकों में जहां बिजली पहुंचने से लोग खुश हैं तो उसे बर्बाद करने में ही पाकिस्तान की बत्ती गुल हो गई।
दरअसल, अनंतनाग के कुछ इलाकों में 75 साल के बाद बिजली पहुंची है, जिससे वहां के लोग बेहद खुश हैं। वहीं पाकिस्तान में लोग बिजली कटने से परेशान है।
आतंक की आग में अंधा होने का खामियाजा पाकिस्तान की जनता भुगत रही है। सरकार पर लोग बरस रहे हैं। जनता पूछ रही है कि जो पैसा विकास पर खर्च होना चाहिए था उसे उन्होंने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने पर क्यों खर्च कर दिया?
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (13 जनवरी तक 4.601 अरब डालर) आयात के एक महीने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। इसलिए, सरकार IMF से किसी भी तरह कर्ज लेने के रास्ते तलाश रही है।
कराची की रहने वाली राब्या ने पत्रकारों को दिए गये एक साक्षात्कार में कहती हैं कि मेरे घर में 556 यूनिट बिजली का खपत हुआ है। जिसका बिल 15560 रुपये आया है।
बताओ कहां से बिल भरूं, किराया दूं, राशन लेकर आऊं, बिजली का बिल दें या टैक्स भरूं जिससे नेताओं की जेब भरे.' दरअसल पाकिस्तान में लगातार बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। नए रेट लागू होने के बाद से कंज्यूमर्स को 43 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है।
सभी नेता दागदार
उधर इमरान खान ने पाकिस्तान को ईमानदार सरकार देने का वादा किया था। लेकिन उन पर खुलासा हुआ है कि उन्होंने अस्पताल के चंदे के लिए मिली 10 करोड़ की रकम को रियल एस्टेट में लगा दिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई पर अरबों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है।पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी का दामन भी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से दागदार है। कुल मिलाकर पाकिस्तान में एक भी ऐसा नेता नहीं है जो बेदाग हो।
इसलिए पाकिस्तान में रोटी-बिजली से दवा तक की किल्लत है, जो दवाइयां 10 रुपये की मिलती थी 200 रुपये में मिल रही है। पाकिस्तान के बर्बाद होने की एक बड़ी वजह आतंक से उसका प्रेम है, जिसे अब भी वो छोड़ने को तैयार नहीं है। इसलिए एक तरफ उसके प्रधानमंत्री भारत से बातचीत की अपील करते हैं, तो कुछ ही घंटों में पलट जाते हैं।
पाकिस्तान पर विश्वास कैसे करें?
यही नहीं दावा है कि बिजली और रोटी की बुनियादी जरूरतों के लिए तरसता पाकिस्तान अब अपना परमाणु बम भी बेच सकता है। हाल ही में ब्रिटेन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर पाकिस्तानी यूरेनियम की खेप पकड़ी गई थी। इसी के बाद से दुनिया को डर है कि पाकिस्तान की कंगाली उसे और भी ज्यादा खतरनाक बना सकती है।
पाकिस्तान कभी भी जिम्मेदार मुल्क नहीं रहा है। उसका न इतिहास है न भूगोल। धार्मिक कट्टरता ने उसे जोड़ कर रखा हुआ है। लेकिन अगर पाकिस्तान के 22 करोड़ लोग ऐसे ही रोटी के लिए भटकते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान बिखर कर कई टुकड़ों में बंट जाएगा।
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