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प्रतापगढ़:समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने दिया अल्टीमेटम, ऐसे अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार होगी दण्डात्मक कार्यवाही



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने कल देर सायंकाल विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले 37 बिन्दुओं के विकास कार्यक्रमों एवं 50 लाख रूपये से अधिक की लागत के कार्यो की समीक्षा की एवं सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। 


बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जीएम शुक्ला, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


 जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारी टीम भावना से काम करते हुये विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ायें, विकास कार्यक्रमों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन गुणवत्ता व समयबद्धता के साथ सुनिश्चित हो। सम्बन्धित विभाग के अधिकारी कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यो का स्वयं भी समय-समय पर अनुश्रवण कराना सुनिश्चित करें और विकास कार्यो को नियत समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करायें।


 बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया सभी अधिकारीगण अपने-अपने कार्यालयों में समय से बैठकर जनसुनवाई करें, जो भी फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर आये उनकी समस्याओं को गम्भीरता से सुने और यथाशीघ्र गुणवत्तायुक्त निस्तारण करायें, किसी भी फरियादी को निराश न लौटाये, छोटे-छोटे प्रकरणों का निस्तारण जल्द करायें, जनसुनवाई के उपरान्त ही क्षेत्र भ्रमण में जाये।


 आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों को सभी अधिकारीगण निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्तायुक्त निस्तारण करायें, फर्जी निस्तारण कदापि न करें। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता यही है कि जन शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्धता के साथ सुनिश्चित हो और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं उदासीनता कदापि न बरती जाये, इस पर सभी अधिकारीगण विशेष ध्यान दें। 


प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण करायें। मनरेगा की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि जिन ग्राम पंचायतों में मनरेगा की शिकायतें आ रही है सोशल आडिट के माध्यम से उसका निस्तारण कराया जाये। 


अमृत सरोवर की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि मानक के अनुरूप अमृत सरोवर का निर्माण कराया जाये और अमृत सरोवर के कार्यो में तेजी लाये, लापरवाही कदापि न बरते।


 वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत लगाये गये वृक्षों की जियो टैगिंग की समीक्षा के दौरान बेसिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक शत् प्रतिशत जियो टैगिंग न कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी को निर्देशित किया कि सम्बन्धित अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर अवशेष जियो टैगिंग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर लिया जाये। 


आंगनबाड़ी केन्द्रों निर्माण की समीक्षा करते हुये उन्होने निर्देशित किया कि कार्यदायी संस्थाओं से सम्पर्क कर विभागीय अधिकारी इनका निर्माण मानक के अनुरूप सुनिश्चित करायें। सामुदायिक शौचालय की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 1057 सामुदायिक शौचालय समूहों को हैण्डओवर कर दिया गया है जो क्रियाशील है।


 जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देशित किया कि अवशेष सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करायें। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि जो ग्राम पंचायतें नगर पंचायतों में सम्मिलित हो गयी है वहां पर कोई भी नया कार्य ग्राम पंचायत स्तर पर न कराया जाये जो पुराने कार्य है उसको ही कराया जाये।


 स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की खराब प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की तथा जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र के प्रतिनिधि को निर्देशित किया कि स्वरोजगार परक योजनाओं में लाभार्थियों को लाभान्वित करायें एवं प्रगति में सुधार लाये। 


निराश्रित गोवंश की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गो आश्रय स्थलों की निरन्तर निगरानी करते रहे, गो संरक्षण केन्द्रों पर चारा, पानी, प्रकाश, पशुओं के स्वास्थ्य तथा उनके ठंड से बचाव आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखे। 


मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गोवंश के पशुपालक को समयानुसार धनराशि भेजी जाये तथा मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना से अधिक से अधिक लाभार्थियों को जोड़े और उन्हें लाभान्वित करायें।  


इसी तरह से मत्स्य सम्पदा योजना, कौशल विकास मिशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, कन्या सुमंगला योजना, सिंचाई विभाग, निःशुल्क बोरिंग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, कृषि विभाग सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गयी। 


उन्होने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये खेल स्टेडियम, गौशाला निर्माण, इंजीनियरिंग कालेज, नवीन नगर पंचायत भवन, आवासीय एवं अनावसीय भवनो के निर्माण, आई0टी0आई0 कालेज, ट्रांजिस्ट हास्टल, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, आंगनबाड़ी भवन आदि की समीक्षा। 


अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। 


यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। 


उन्होने निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें सम्बन्धित विभाग को हैण्डओवर कर दिया जाये।

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