पात्र निहारते रह गए अनुदान की राह , अपात्रों ने सुविधा शुल्क देकर योजना को छकाया
विवाह सूची को मीडिया से दूर रखना किसी बड़े घोटाले का संकेत
ए०डी०ओ० समाज कल्याण प्रीती वर्मा की भूमिका बना चर्चा का विषय
सुनील उपाध्याय
बस्ती।जिले में शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी दलालों के चंगुल में उलझकर रह गयी है । जिम्मेंदारों द्वारा शासनादेशों को ताक पर रख योजना का मखौल उड़ाने के साथ - साथ खूब धन उगाही भी गयी । विकास खण्ड कप्तानगंज के विभिन्न ग्राम पंचायतों में दर्जनों - दर्जनों लोगों की पेंशन आधार सत्यापन के नाम पर रोक कर एडीओ समाज कल्याण प्रीती वर्मा पहले से ही सुर्खियों में हैं इधर सामूहिक विवाह में भी उनका नाम फिर चर्चा का विषय बन गया है ।
मिली जानकारी के अनुसार कप्तानगंज विकास खण्ड पर दिनांक 14 दिसम्बर 2022 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ था । सूत्रों की माने तो मंडप में विवाह हेतु बैठी कुछ तथाकथित कन्याएं पूर्व के कई वर्षों से विवाहित थी और उनके परिवार वाले मंडप के इर्द - गिर्द उनके छोटे बच्चों को टहला घुमा रहे थे ।
कप्तानगंज विकास खण्ड में एडीओ समाज कल्याण प्रीती वर्मा से मीडिया द्वारा सामूहिक विवाह की सूची मांगी गयी तो प्रीती वर्मा ने सूची देने से इनकार कर दिया । सूची न देने के संबन्ध में मुख्य विकास अधिकारी राजेश कुमार प्रजाप्रति से बात करने के बाद भी प्रीती वर्मा ने सामूहिक विवाह की सूची मीडिया को नही दिया ।
सामूहिक विवाह की सूची को मीडिया में सार्वजनिक न करना दाल में कुछ काला जरूर है इस बात का साफ संकेत है । मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कप्तानगंज विकासखण्ड में दलालों के चंगुल में उलझकर दम तोड़ रहा है जिसके कारण पात्र दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और अपात्र दलालों के सहारे योजना में लूट मचाए हैं ।
प्रीती वर्मा एडीओं समाज कल्याण के काले कारनामों की चर्चा जिले में तेज है एवं प्रीती वर्मा अधिकारियों से मिलीभगत से विकासखण्ड कप्तानगंज में भ्रष्टाचार की घटना को अंजाम दे रही है ।
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