रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। श्री हनुमान गढ़ी सेवा समिति करनैलगंज के के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा के तृतीय दिन दिव्य भव्य श्री राम जन्मोत्सव व भगवान शिव पार्वती का मंगलमय विवाह महोत्सव मनाया गया।
कथा में पार्वती के सब का वर्णन करते हुए वृंदावन धाम के आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कहा की सत्संग योग से मनुष्य अध्यात्मिकता के उच्चतम शिखर को प्राप्त करता है योग न सिर्फ हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य करता है ।
बल्कि योग आत्मा से परमात्मा तक के सफर को पूर्ण करने की सामर्थ्य रखता है और एक अद्भुत मार्ग है। भगवान शिव के अद्भुत स्वरूप का वर्णन कथा में किया गया।
जिसमें कथा वाचक अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कहा कि भगवान शिव के पूजन से मनुष्य अर्थ धर्म काम मोक्ष प्राप्त करता है इस सृष्टि में सबसे अधिक शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं।
भगवान शिव जो शिव महापुराण के अनुसार एक धतूरे का फल स्वर्ण दान का पुण्य प्रदान करता है और मनुष्य को ओजस्वी और तेजस्वी बनाता है गुरु ही इस जीवन का आधार होते हैं ।
जब तक मनुष्य का दीक्षा संस्कार नहीं होता वह अपने परियों का फल प्राप्त नहीं कर पाता और न ही अध्यात्मिक मार्ग को पूर्णरूपेण प्राप्त कर पाता है।
इसलिए प्रत्येक मनुष्य को गुरु अवश्य बनाना चाहिए और गुरु मंत्र का नित्य प्रतिदिन जाप पूजन करना चाहिए। विभिन्न वर्ण क्रमशः1 वर्ण और समाज के बालक 6, 8 अथवा 11 वर्ष की अवस्थाओं में दीक्षा लेने का विधान है।
जिससे कि उनका संपूर्ण जीवन संयमित सुव्यवस्थित और वैदिक धर्म का पालन करने वाला हो। आचार्य ने कहा धर्म की स्थापना के लिए भगवान अवतार लेते हैं।
कथा में भगवान श्री राम के जन्मोत्सव की कथा को प्रमुखता से कहते हुए बताया कि भगवान निर्गुण ब्रह्मा शगुन होकर के प्रगट हो जाता है।
तब जब भक्त भगवान को पुकारते हैं और धर्म का ह्रास होता है तो धर्म की पुनर्स्थापना के लिए भगवान इस धरा पर अवतार लेते हैं।
वैदिक सनातन हिंदू धर्म के अनुसार भगवान चार युगों में 24 बार विभिन्न विभिन्न स्वरूपों में अवतार लेते हैं।
कथा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। वहीं कथा समापन के पश्चात भंडारे का आयोजन हुआ।
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