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करनैलगंज:श्रीराम कथा महोत्सव के पांचवे दिन श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा का किया रसपान



रजनीश / ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। नगर में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के पांचवें दिन नगर क्षेत्र राममय हो गया। श्री बटुक भैरव पीठ मंदिर के सामने बालकृष्ण ग्राउंड पर चल रही श्रीराम कथा के पांचवे दिन हजारों श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा का रसपान किया। 


प्रभु श्री राम की लीलाओं का वर्णन करते हुए कथा प्रवक्ता आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कहा कि प्रभु श्री राम समाज और मानव के उत्थान के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। जिन्होंने अनेक प्रकार की कुरीतियों को मिटा कर संस्कार व संसार को हृदय से लगाया।


 समाज और घर से तिरस्कृत और वंचित अहिल्या जैसी नारी का उद्धार करके भगवान ने संदेश दिया की मनुष्य को हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। 


प्रभु श्री राम ने जो मर्यादा स्थापित कि वह अनंत काल तक सनातन संस्कृति का भारत वासियों का और समग्र विश्व का मार्गदर्शन करती रहेगी। संपूर्ण विश्व भारत को उसकी अनुपम संस्कृति के लिए व प्राणी मात्र के कल्याण का भाव रखने के कारण ही आशा भरी नजरों से देखता है। 


क्योंकि समग्र विश्व को भारत की संस्कृति ही शांति और सुख प्रदान कर सकती है। आज हर देश का व्यक्ति भारत की सनातन संस्कृति के हिसाब से जीना चाहता है क्योंकि वह जानता है कि भारत की सनातन संस्कृति ही उसे सच्चा सुख और शांति प्रदान कर सकती है। 


भारत अपनी इसी सनातन संस्कृति के कारण ही विश्व गुरु की उपाधि को प्राप्त कर सका, श्री रामोविग्रहवांन धर्म,, प्रभु श्री राम है साक्षात धर्म की मूर्ति प्रभु श्री राम ने धर्म की मर्यादा का पाठ पढ़ाया समग्र विश्व को और मनुष्य के लिए मर्यादा स्थापित किए ताकि वह एक उत्तम जीवन जी सके, दान करने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए। महाराज दशरथ ने गुरु के द्वारा मांगने पर अपने पुत्रों को गुरु विश्वामित्र को सौंपा। 


राम, लक्ष्मण के साथ जानकी और उर्मिला जैसी बेटियों को ही पाया। अतः दान का फल अत्यंत ही मीठा होता है बस उसके लिए धैर्य की आवश्यकता है, श्रद्धा और विश्वास के बिना हर पूजा है। 


आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कहा कि हमारी श्रद्धा और हमारा विश्वास भी भगवान को प्रकट करते हैं, श्रद्धा और विश्वास के द्वारा की गई पूजा ही भगवान स्वीकार करते हैं और जब तक मनुष्य का विश्वास दृढ़ नहीं होता तब तक किसी भी पूजा का पूर्ण फल वह प्राप्त नहीं करता।


 इसलिए की जाने वाली पूजा और व्रत आदि में पूरी निष्ठा व विश्वास होना आवश्यक है तभी हम उसके पूर्ण फल को प्राप्त कर सकते हैं। आज श्रद्धा और विश्वास के अभाव में ही लोग पूजा पाठ के जब तक के पूर्ण फल को प्राप्त नहीं कर पा रहे। 


परिणाम स्वरूप अनेक शुभकामनाओं के बाद भी दुखी हैं। इसलिए अगर हमारे साथ भी ऐसा हो रहा है तो हमें अपनी श्रद्धा और विश्वास को और भी मजबूत बनाने की आवश्यकता है। 


श्रीराम कथा आयोजक हनुमानगढ़ी सेवा समिति करनैलगंज के महेश कुमार, प्रकाश जायसवाल, समीर गुप्ता, मुकेश सोनी आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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