रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। नगर के श्रीभैरव नाथ मंदिर के सामने बाल कृष्ण ग्राउंड में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के दूसरे दिन श्री धाम वृंदावन से आये अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत में कहा गया है कि हमें दूसरों की गलतियों से सीख लेनी चाहिए स्वयं गलती करके सीखने के लिए यह जीवन बहुत छोटा है।
इसलिए शास्त्रों में हमारे संतो ने बुजुर्गों ने हम सबके जीवन को सुख में आनंद में बनाने के लिए अपने अनुभव को हम सबके लिए लिपिबद्ध किया है।
जिसका लाभ मानव जाति को अवश्य लेना चाहिए। शिव सती चरित्र का वर्णन करते हुए कथा प्रवक्ता आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने कहा कि कथा को श्रद्धा एवं विश्वास के साथ श्रवण करना चाहिए।
कथा की अवज्ञा करने से जैसे सती को बाद में कष्ट उठाना पड़ा। उसी प्रकार मनुष्य भी अपनों से बड़ों की बातों को न मानकर अनेक कष्ट उठाता है। इसीलिए श्री राम कथा हम सबको एक मर्यादित और संस्कारित जीवन देती है और मर्यादा व संस्कार के गुणों को सिखाती है। हमें अपनों से बड़ों की बात अवश्य सुननी चाहिए और आचरण में लानी चाहिए।
जब तक कथा को हम अपने आचरण में नहीं उतारेंगे तब तक कथा सुनना सार्थक नहीं होगा। कथा व्यास श्री मृदुल महाराज ने सतयुग में भगवान शंकर द्वारा रामकथा का श्रवण करने, माता सती द्वारा शंका प्रकट करने और भगवान राम की परीक्षा लेने तथा दक्ष प्रजापति के यज्ञ में माता सती द्वारा स्वयं को भस्म करने की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।
श्रीहनुमान गढ़ी सेवा समिति के तत्वाधान में चल रहे इस रामकथा महोत्सव में कार्यक्रम के अंत में भंडारे का भी आयोजन हुआ।
इस मौके पर यजमान हरीकुमार वैश्य सहित प्रकाश जायसवाल, महेश गुप्ता, समीर गुप्ता, मुकेश सोनी, उमेश चन्द्र मिश्र, रामजी गुप्ता, श्याम जी गुप्ता, अमित सिंहानिया, अशोक सिंहानिया, सनद तिवारी, आयुष सोनी, विशाल कौशल आदि मौजूद रहे।
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