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प्रतापगढ़:बैंकों में शासकीय योजनाओं की लम्बित पत्रावलियों में रूचि लें अन्यथा होगी कार्यवाही:जिलाधिकारी



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कल देर सायंकाल कलेक्ट्रेट के सभागार में बैंकों की जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीसीसी) की बैठक सम्पन्न हुई। 


किसान क्रेडिट कार्ड की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के भौतिक लक्ष्य 104820 के सापेक्ष रबी की फसल के लिये 52410 एवं खरीफ के लिये 52410 निर्धारित किया गया है।


 वर्ष 2022 मेंं खरीफ फसल के लिये 46437 भौतिक आवेदन स्वीकृत है एवं कुल राशि 42055.45 लाख का ऋण स्वीकृत किया चुका है। इसी प्रकार मत्स्य पालन केसीसी योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 6750 लाभार्थियों का है विभाग द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष 92 पत्रावलियॉ बैंकों की विभिन्न शाखाओं में प्रेषित की गई जिनमें 22 पत्रावलियों में 53.54 लाख का ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। 


इसके अतिरिक्त पशुपालक केसीसी योजना का वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 20710 लाभार्थियों का है विभाग द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष 3520 पत्रावलियॉ बैंकों की विभिन्न शखाओं में प्रेषित की गई जिनमें 3453 पत्रावलियों का ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। 


जिलाधिकारी ने मत्स्य पालन एवं पशु पालन विभाग के केसीसी योजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुये सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना की धीमी प्रगति में सुधार लायें अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। 


बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान द्वारा 485 लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया जिसके सापेक्ष 119 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत किया गया है। 


जिलाधिकारी ने आर सेटी के निदेशक जितेन्द्र प्रसाद से जानकारी ली कि अब तक किन-किन बैंकों में ऋण हेतु कितने आवेदन भेजे गये जिस पर आर सेटी के निदेशक जानकारी उपलब्ध नही करा पायें। जिलाधिकारी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के ट्रेनिंग लाभार्थियों की संख्या एवं उन्हें ऋण सुविधा मुहैया कराये जाने के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की तो वह सही आंकड़़ा प्रस्तुत नही कर पाये जिस पर जिलाधिकारी ने आर सेटी के निदेशक को कड़ी फटकार लगाते हुये निर्देशित किया कि ट्रेनिंग कराकर खानापूर्ति न करें बल्कि लाभार्थियों को लाभान्वित करायें इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरते। 


ओडीओपी योजना के सम्बन्ध में बताया है कि वित्तीय वर्ष में भौतिक लक्ष्य 24 का प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष 43 पत्रावलियॉ बैंकों की विभिन्न शाखाओं में भेजी गई, प्राप्त आवेदनों में 10 पत्रावलियों में 37.18 लाख का ऋण स्वीकृत था 06 पत्रावलियों में 12.88 लाख का ऋण वितरित किया जा चुका है। 


ओडीओपी योजना की खराब प्रगति पर जिलाधिकारी ने उपायुक्त उद्योग दिनेश कुमार चौरसिया को निर्देशित किया कि प्रगति में सुधार लायें। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के सम्बन्ध में बताया गया कि वित्तीय वर्ष में योजना का भौतिक लक्ष्य 12 प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष 53 पत्रावलियॉ विभिन्न बैंकों की शाखाओं में प्रेषित की गई जिनमें 12 पत्रावलियों में ऋण स्वीकृत व 11 पत्रावली में ऋण वितरण किया जा चुका है। 


वार्षिक ऋण योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय त्रैमास में वार्षिक ऋण योजना लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि 62.10 प्रतिशत है जिसमें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र की उपलब्धि 43.05 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने सभी बैंकों को निर्देशित किया कि ऋण वितरण की कार्यवाही करें।


 इसी प्रकार जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, जनपद का ऋण जमानुपात, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि विभागों की योजनाओं के सम्बन्ध में समीक्षा की।

जिलाधिकारी ने बैकों के जिला समन्वयकों एवं सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि बैंकों में शासकीय योजनाओं की लम्बित पत्रावलियॉ में रूचि लें और लाभार्थियों को लाभान्वित करायें, लापरवाही कदापि बन बरते अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। बैठक में दिये गये निर्देशों का शत् प्रतिशत अनुपालन करें। 


बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने नाबार्ड द्वारा प्रकाशित संभाव्यता युक्त ऋण योजना 2023-24 नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अग्रणी जिला प्रबन्धक गोपाल शेखर झा सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित रहे।

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