बीपी त्रिपाठी
इटियाथोक,गोंडा।खराब पड़े नलकूप और ध्वस्त नालियां रबी सीजन में किसानों की परेशानी बढ़ा रहे हैं।विभागीय उदासीनता से अन्नदाता परेशान हैं।
ब्लॉक क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा नलकूपों की नालियां ध्वस्त हैं,जबकि कुछ नलकूप तकनीकी खामी के चलते बंद पड़े हैं।इससे सैकड़ों हेक्टेयर खेती की सिंचाई नहीं हो पा रही है।
इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र में रबी सीजन में हजारों हेक्टेयर में सरसों, चना, मटर और गेहूं की खेती हो रही है।गेहूं संग अन्य फसलों की बुआई के लिए पलेवा आदि किया जा रहा है, लेकिन नलकूपों की खराबी से समस्या हो रही है।
अयाह गांव का राजकीय नलकूप कई साल से बंद है तो परसिया बहोरीपुर के नलकूप की नाली ध्वस्त है।गांव विशुनपुर संगम में भी नालियों की हालत दयनीय है।
कमोबेश अधिकतर नलकूपों की नालियां जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है।कुछ नालियां तो लोग खत्म कर चुके हैं।विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो ब्लॉक में वर्तमान में कुल दो नलकूप खराब हैं जबकि धरातल पर इनकी संख्या अधिक है।
दर्जनभर से अधिक नलकूप की नालियां पूरी तरह टूट चुकी हैं। जिससे खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।ग्राम पंचायत शिवपुरिया के किसान तिलक राम ने बतायाा, कि किसानों की जरूरत के समय सरकारी व्यवस्थाएं धोखा दे देती हैं।जिससे उन्हें पंपिंग सेट से सिंचाई करनी पड़ती है।
जिम्मेदार के बोल
एई स्मृति श्रीवास्तव का कहना है,कि इटियाथोक ब्लॉक में कुल 62 राजकीय नलकूप स्थापित हैं।दो नलकूप विद्युत दोष के चलते बंद पड़े हैं, इन्हें जल्दी ही ठीक कराया जाएगा।
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