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विद्या भारती की योजनानुसार सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज पलिया में मासान्त दक्षता वर्ग सम्पन्न हुआ



आनंद गुप्ता 

पलिया कलां खीरी: तेज महेंद्रा सरस्वती विद्या मंदिर में आचार्यों में दक्षता वर्ग का उद्देश्य बच्चो में नूतन और अद्यतन जानकारी के आधार पर अध्यापन कार्य कैसे किया जाए ? उसके लिए नए-नए आयाम, नई शिक्षण तकनीकी एवं टीएलएम के आधार पर शिक्षण कार्य को और अधिक रोचक कैसे बनाया जाए ? इन सब बातों पर बल दिया गया। 


सुबह 9:00 बजे आगमन से लेकर 2:00 बजे तक सुनिश्चित दिनचर्या के आधार पर कार्यक्रम नियोजित किया गया। 


प्रातः आगमन तत्पश्चात शारीरिक व्यायाम कुछ आसन विद्यालय में कराए जाने वाले विद्या भारती के अखिल भारतीय स्तर पर निर्धारित योग इन सभी का ठीक प्रकार से अभ्यास कराया गया, तत्पश्चात संघ प्रार्थना हुई।  


उसके बाद वन्दना के कालांश में आचार्य पुष्पेन्द्र द्वारा भारत वंदना का अर्थ, सुनीत के द्वारा बड़े ही रोचक और मार्मिक ढंग से संस्कृत वन्दना का अर्थ बताया गया।  उन्होंने अर्थ बताते हुए कहा कि कुन्द इन्दु और तुषार सभी धवल रंग से अलंकृत हैं। 


परन्तु इनके साथ ही कुन्द के पुष्प से सुगंध, चंद्रमा से शीतलता और बर्फ से विनम्रता का सद्गुण भी मां सरस्वती के इस दिव्य रूप में प्रवाहित है, समाहित है। 


 इनकी हम सदा वन्दना करते हैं और केवल हम ही नहीं ब्रह्मा विष्णु महेश सभी की आराध्य मां सरस्वती सभी के द्वारा सदा पूजित हैं। काफी रोचक ढंग से उन्होंने संस्कृत वन्दना का अर्थ बताया। एक मार्मिक लघु कथा आचार्य सौरभ ने सुनाई।


नई शिक्षा नीति पर आचार्य चन्द्रेश्वर ने अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने बताया की यदि अब शिक्षक नित नूतनता के साथ अपडेट और अपग्रेड नहीं रहेगा तो उसे शिक्षण कार्य से वंचित भी किया जा सकता है।


 दक्षता वर्ग की महत्ता पर जोर डालते हुए प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने बताया कि हम सभी का उद्देश्य जटिल से जटिल पाठ्यवस्तु को बच्चों के जेहन में सरल तकनीक से कैसे सम्प्रेषित किया जाए इस पर जोर देने का आधार है दक्षता वर्ग।  


हम सभी को ऐसी शिक्षण पद्धतियों का विकास करना और उन्हें अपनाना चाहिए जिनके द्वारा भैया बहनों में स्कूल के प्रति फोबिया ना बने। विद्यालय के प्रति अत्यधिक लगाव उत्पन्न हो, आपके शिक्षण के प्रति आकर्षण उत्पन्न हो इन सब तथ्यों पर  जोर देकर अभ्यास करने के लिए ये दक्षता वर्ग होते हैं। 


माइक्रो टीचिंग के कालांश में गणित में पक्षान्तर की विधि को सरल ढंग से रखने का प्रयास आचार्य रजनीश ने किया।  काव्य पाठ को रुचिकर बनाने का प्रयास आचार्य धनुर्धारी ने किया। अंग्रेजी विषय में पार्ट्स ऑफ स्पीच याद करने के लिए रविंद्र ने नपा वापसी का एक बहुत ही रोचक सूत्र दिया।



इस तथ्य के आधार पर बच्चों को बड़ी ही सरलता से सभी आठ पार्ट्स ऑफ स्पीच याद कर सकते हैं।  शिक्षण में अभिरुचि के लिए प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने बताया कि विज्ञान की परिभाषा करते समय यह बच्चों को बताएं कि ज्ञान मतलब जानकारी भी का अर्थ विशेष जैसे स्विच दबाने से पंखा चलता है यह सामान्य जानकारी है और क्यों चलता है ? पंखा विद्युत प्रवाह और मोटर घूमने की प्रवृत्ति यदि बच्चों के जेहन में आती है तो इसे विशेष जानकारी कहेंगे।



शिक्षण के वैज्ञानिक तथ्य

यही विज्ञान है जाइलम के कार्य, रसारोहण की प्रक्रिया भौतिक विज्ञान में फोकस वक्रता केंद्र फोकस दूरी किरणों का परावर्तन गोलीय लेंस द्वारा परावर्तन बहुत ही अच्छे रोचक तरीके से समझाया गया। दक्षता वर्ग में प्रबन्ध कार्यकारिणी के सदस्य अभिषेक शुक्ला पूरे समय रहे। 


 सह प्रबन्धक शिवपाल सिंह एवं समिति के अध्यक्ष चांद कुमार जैन की उपस्थिति प्रेरणादाई रही।  आज का दक्षता वर्ग सकुशल सम्पन्न हुआ।

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