आयुष मौर्य
धौरहरा खीरी ।ईसानगर क्षेत्र के मटरिया गांव के पास गोबिंद शुगर मिल ऐरा के द्वारा निकाले जा रहे गंदे पानी को लेकर शनिवार को पुलिस की मौजूदगी में तहसील प्रशासन,चीनी मिल कर्मचारियों व किसानों के बीच हुई लंबी वार्ता के दौरान आक्रोशित किसानों की मांगे मिल अधिकारियों ने मानकर मामले को शांत कर दिया।
इस दौरान हुई वार्ता में अगले एक महीने में गंदे पानी के नाले को साफ करवाकर बाहर निकल रहे पानी को बन्द करने,पानी की वजह से फसलों के हुए नुक़सान की भरपाई के साथ साथ पीने के लिए शुद्ध पानी के लिए गांव में आरओ प्लांट लगवाने व गन्ना विभाग से बात कर पीड़ित किसानों की गन्ना तौल पर्चियां दिलवाने की बात पर सहमति बन गई। जिसके बाद किसानों ने बन्द नाले के पानी को खोलकर जारी विरोध समाप्त कर दिया।
ईसानगर क्षेत्र के मटरिया गांव के पास गोबिंद शुगर मिल ऐरा के द्वारा नाले के माध्यम से निकाले जा रहे गंदा व गर्म पानी किसानों के खेतों में घुसने से हुए फसलों के नुकसान से आक्रोशित किसानों ने शुक्रवार को नाले को बन्द कर विरोध प्रकट करना शुरू कर दिया था।
जिसकी जानकारी होते ही शनिवार को खमरिया पुलिस की मौजूदगी में पहुचे नायब तहसीलदार वीरेंद्र कुमार यादव,कानूनगो बलराम व लेखपाल नितेश मिश्र की अगुवाई में चीनी मिल के एचआर राजेश त्रिपाठी व किसानों के बीच हुई लंबी वार्ता के बाद मिल कर्मचारियों ने किसानों की मांगों को मानकर एक महीने के अंदर नाले को साफ करवाकर बाहर निकल रहे पानी को बन्द करने के साथ ही जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ उनको मुआवजा देने,गांव में पीने के लिए शुद्ध पानी के लिए आरओ प्लांट लगवाने व पीड़ित किसानों की गन्ने की पर्चियां जारी करवाने के लिए गन्ना विभाग से बात करने की बात पर सहमति बन गई।
जिसके बाद किसानों ने बन्द किये गए नाले को खोल कर जारी विरोध को समाप्त कर दिया। इस दौरान नायब तहसीलदार वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि किसानों व मिल कर्मचारियों के बीच सकारात्मक वार्ता के बाद किसानों के बीच उत्पन्न विरोध अब समाप्त हो गया है, किसानों की सभी मांगों को मिल ने मानकर एक महीने में पूरा करने का अस्वासन दिया है।
इस दौरान खमरिया चौकी इंचार्ज शिवाजी दुबे अपने दल बल समेत किसान राजेश कुमार,ओमप्रकाश गिरी,संतोषकुमार,कमलाकांत,रामदत्त,राजेश भार्गव,राधेश्याम यादव,रामेश्वर,मूलचंद,रमाकांत यादव,अशरफ,जाकिर,साबिर,इब्राहीम,लल्लू,नंदू,हियाती,आशीष,श्रीराम,बक़रीदी,कल्लू,सियाराम,पटवारी समेत अन्य किसान मौजूद रहे।
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