आयुष मौर्य
धौरहरा खीरी।गोबिंद शुगर मिल ऐरा से निकलने वाला गंदा पानी मटरिया गांव के किसानों के खेतों में भरने से फसलों का नुकसान हो गया। यही नहीं गंदे पानी को पीकर कई मवेशियों की भी मौत हो गई।
जिसको लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने चीनी मिल के जीएम समेत तहसील के उच्च अधिकारियों को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र भी दिया।
बावजूद कोई हल न निकलते देख शुक्रवार को किसान स्वयं मोर्चा संभालते हुए मिल से निकले नाले को पाटने का काम शुरू कर दिया। जिसको देख मिल अधिकारियों ने किसानों से वार्ता करने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल भेजा पर कोई वार्ता नहीं हो सकी।
जिसको लेकर किसानों ने आर पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है।
ऐरा चीनी मिल से निकलने वाले गर्म व गंदा पानी मटरिया गांव के पास नाले में गिरता है।
बरसात के दौरान जर्जर पोलों की वजह से पानी किसानों के खेतों में भरने से खड़ी फसलों का नुकसान कर दिया वही कैमिकल युक्त पानी को पीने से कई मवेशियों की मौत देखकर किसान राजेश, संतोषकुमार, कमलाकांत, रामदत्त, राजेश भार्गव, राधेश्याम यादव, रामेश्वर, मूलचंद, रमाकांत यादव, अशरफ,जाकिर,साबिर,इब्राहीम, लल्लू, नंदू, हियाती, आशीष, श्रीराम, बक़रीदी,कल्लू,सियाराम,पटवारी आदि ने शुक्रवार को दोपहर बाद मिल से निकले नाले को बंद करने की ठान ली।
जिसकी जानकारी पाकर मिल प्रशासन ने आनन फानन में एक प्रतिनिधि मंडल किसानों को मिल में चलकर वार्ता करने के लिए कहा पर समस्या दूर न होती देख किसान वार्ता गांव में करने की बात पर अड़ गए। जिससे कोई बात नहीं हो सकी।
जीएम,एसडीएम समेत विधायक को दे चुके है प्रार्थना पत्र
इस दौरान किसान सुरजलाल, राजेश,मदधू, ज्ञानवती, हियाती,छन्नी,रामपाल,रामू,त्रिभुवन समेत अन्य किसानों ने बताया कि मिल का गंदा पानी भरने से उनके खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। तथा इस पानी को पीने से कई मवेशी में असमय काल के गाल में शमा गए।
जिसकी शिकायत सभी ने मिलकर एसडीएम धौरहरा,विधायक समेत चीनी मिल के जीएम से लिखित में की थी पर कोई हल न निकलता देख उन लोगों ने मिल से निकले नाले को ही बन्द करने की ठान ली है।
जल्द ही समस्या का हल न निकला तो हम लोग अपने खेतों में मिल का गंदा पानी किसी भी स्थिति में नहीं निकलने देंगे। इसके लिए वह सभी मिलकर आर पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में जुट गए है।
वही इस बाबत नायब तहसीलदार ने बताया कि मामले में शनिवार को स्थलीय निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।
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