आखिर क्यों बसाने के बाद उजाड़ने पर जुटा वन महकमा
100 से अधिक परिवार चंदन चौकी में रहकर करते हैं अपने और अपने परिवार का भरण पोषण।
दशकों पहले वीरान पड़ी भूमि पर बसाए गए थे लोग।
आनंद गुप्ता
पलियाकलां-खीरी।भारत नेपाल के चौकी बॉर्डर पर वन विभाग की भूमि पर कई वर्ष पूर्व बसाए गए लोगों को अब वन महकमा उजाड़ने की तैयारी कर चका है।
वन विभाग की इस भूमि पर लगभग सौ से अधिक परिवार व्यापार के माध्यम से भरण पोषण करते चले आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो वन विभाग की इस कार्रवाई से खौफजदा कुछ व्यापारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का रूख कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि गौरीफंटा की तरह क्या चंदन चौकी भूमि को भी वन विभाग अपने कब्जे में लेकर लोगों को दर-दर भटकने के लिए छोड़ देगा या फिर उन्हें कुछ राहत मिल सकेगी।
वहीं भाजपा विधायक रोमी साहनी का कहना है कि वन विभाग की हिटलर शाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे उनकी जान ही क्यों ना चली जाए पर वह चंदन चौकी मंडी को उजड़ने नहीं देंगे।
दुधवा टाइगर रिजर्व की भूमि पर दर्जनों मंडिया चल रही है। इसके साथ ही सैकड़ों एकड़ वन विभाग की भूमि को लोगों ने अपने कब्जे में ले रखा है।
वन विभाग की भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए लगातार वन विभाग कार्यरत है। साथ ही विभिन्न भूमि को वन विभाग लोगों के कब्जे से मुक्त भी कर चुका है।
भारत नेपाल के गौरीफंटा बॉर्डर पर कई दशकों से आवाद गौरीफंटा मंडी को कुछ साल पहले वन विभाग ने मुक्त कराने में सफलता हासिल कर ली थी। गौरीफंटा बाजार के व्यापारी आज भी दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश है।
वहीं अब वन विभाग चंदन चौकी मंडी खाली करवाने की जुगत में लग गया है। वन विभाग की जमीन पर बसी चंदन चौकी मंडी का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है।
इस मंडी में लगभग सौ से अधिक परिवार रहकर अपने व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। 15 दिसंबर को वन विभाग ने मंडी को उजाड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी।
लेकिन किन्ही कारणोंवश कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। सूत्रों की माने तो वन विभाग के इस रवैए से नाराज कुछ व्यापारी कोर्ट की शरण लेने की तैयारी कर चुके हैं। अब देखना यह होगा कि भूमि को खाली कराने में वन महकमा सफल होता है या फिर नहीं।
लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए भाजपा विधायक रोमी साहनी का कहना है कि चाहे उनकी जान ही क्यों ना चली जाए लेकिन वह चंदन चौकी मंडी को किसी भी हाल में उजड़ने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि मंडी में सौ से अधिक गरीबों का परिवार व्यापार कर अपना भरण पोषण करता है। उन्होंने कहा कि पहले व्यापारियों के बसाने की व्यवस्था की जाए उसके बाद वन विभाग अपनी कार्रवाई करें।
भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी प्रधानमंत्री गरीबों को छत देने का कार्य करते हैं ना कि उनकी छत छीनने का।
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