गोण्डा: मनकापुर खंड विकास अधिकारी को कमरे में ताला बंद कर देने पर नाराज खंड विकास अधिकारी शिव मणि ने कोतवाली में तहरीर देकर हत्या की साजिश करने वालों पर एफ आई आर दर्ज कराने की मांग किया है। यही नहीं लिखित तहरीर को मनरेगा वाट्सप ग्रुप पर भी डालकर वायरल भी किया गया।
मामला विकास खंड मनकापुर में तैनात खंड विकास अधिकारी से जुडा है। बीडीओ शिवमणि का आरोप है कि सोमवार को उनकी तबियत खराब थी जिसके कारण वे सीएचसी अस्पताल मनकापुर जाकर दवा लाये तथा इंजेक्शन लगवाये। बाद में अपने सरकारी आवास के कमरे में आकर दवा खाकर सो गये।
आरोप है कि शाम साढे चार बजे ब्लाक पर जिला विकास अधिकारी महोदय आकर आवास पर ताला लगवा दिये। जब तक मैं कुछ समझपाता तबतक चौकीदार श्याम विहारी व वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार पान्डेय थे। बीडीओ ने तहरीर में लिखा कि मैं सरकारी आवास के कमरे में अंदर था।
जब मेरे सीने में पुनः दर्द उठा तो चिल्लाने लगे। तो मुहल्ले ,ब्लाक परिसर के लोग इक्ट्ठा हो गये और ताला खुलवाये।यदि मेरी जान चली जाती तो मेरे बच्चे भी नहीं जान पाते। ताला लगाने व लगवाने वालों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करायी जाये तथा हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया जाये।
यह लिखित शिकायत ब्लाक स्तरीय मनरेगा ग्रुप पर हुआ वायरलः
खंड विकास अधिकारी शिवमणि द्वारा लिखित शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही तरह तरह की चर्चाए शुरू हो गयी। कि आखिर कौन सी ऐसी जल्दी थी कि अंदर कमरे में बीडीओ तथा बाहर से ताला जड दिया गया।
ताला खुलने के बाद अचानक घबराये बीडीओ इलाज के लिए हुए रवानाः
ब्लाक परिसर के सरकारी आवास का ताला खुलने पर हदप्रद बीडीओ चारपहिया वाहन से इलाज के लिए रवाना हो गये।
बीडीओ का पक्ष जानने के लिए फोन करने पर फोन किसी वाहन चालक ने उठाया और बोला कि बीडीओ साहब के सीने में बहुत तेज दर्द हो रहा है। बेहोशी की हालत में है गाडी में लेटे हैं। मैं बस्ती से लगभग 25 किमी आगे हूं। गोरखपुर साहब के बेटे व परिवार के लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
कोतवाल मनोज कुमार राव बोलेः
कोतवाल ने बताया कि तहरीर मिलने व सूचना पर मैं जांच करने पहुंचा तो पता चला कि बीडीओ का स्थानान्तरण कही अन्य जगह हो गया है। सरकारी आवास नहीं खाली कर रहे थे। इस लिए उन्हीं के विभाग के अधिकारी के निर्देश पर बाहर से ताला लगवाया गया था।
लेकिन पीछे से खिडकी व आंगन में जो दरवाजा लगा था । उससे वे निकल गये थे। मामला सरकारी विभाग का है विभागीय जांच के बाद ही हम कोई भी सरकारी अधिकारी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर सकते हैं। यह मामला सीडीओ,डीएम सबके संज्ञान में है।
डीडीओ दिनकर विद्याथी बोलेः डीडीओ ने बताया कि आरोप निराधार है उनका स्थानान्तरण हो गया है। दूसरे बीडीओ शेरबहादुर सिंह चार्ज लेने गये थे लेकिन स्थानान्तरित बीडीओ शिवमणि ने चार्ज न देने का बहाना बना रहे हैं।
सीडीओ गौरव कुमार भी मनकापुर एपी स्कूल में कायाकल्प की मीटिंग में मौजूद थेः
घटना का सबसे चौकाने वाला तथ्य है कि सीडीओ गौरव कुमार एपी इंटर कालेज के मीटिंग हाल में ब्लाक छपिया व मनकापुर ब्लाक के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों , खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। दोपहर बाद तक मीटिंग हुई।
सूत्र बताते है कि खंड विकास अधिकारी शिवमणि की तबियत खराब होने के कारण सीडीओ की मीटिंग में नहीं गये थे। जबकि छपिया बीडीओ मीटिंग में थे। मीटिंग में एडीओ पंचायत,एपीओ,जेई आरईएस सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
आखिर कौन सी ऐसी जल्दी पडी कि बीडीओ शिवमणि के सरकारी आवास में जड़ा तालाः
इस मामले में ब्लाक का कोई कर्मचारी बोलने को तैयार नही है कि आखिर कौन सी इमरजेंसी थी कि एक दिन ,दो दिन जिस बीडीओ के कहने पर पूरा ब्लाक एक पैर पर खडा रहता था।
आखिर क्या हुआ कि रातो रात हुए बीडीओ के स्थानान्तरण की खबर को अभी ज्यादातर लोग ब्लाक के जान भी नहीं पाये।उसी ब्लाक के अधिकारी के आवास में वही चौकीदार व लिपिक अंदर से बीडीओ और बाहर से ताला लगा दिया गया। यदि कमरे के अंदर कोई घटना घट जाती तो कौन जिम्मेदार होता ?इस पर कोई बोलने को तैयार नही है।
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