कुलदीप तिवारी
खबर प्रतापगढ़ से है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगीपुर में मुख्य चिकित्साधिकारी गिरेंद्र मोहन शुक्ल सुबह लगभग ग्यारह बजे पहुंचते ही अस्पताल के आधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया ।
कुछ स्वास्थ्य कर्मचारी पहुंचे भी नहीं थे उनको साथी कर्मचारियों के द्वारा दबी जुबान फोन पर सूचना दी जाने लगी । सभी अपने सीट पर बैठ कर कार्य में जुट गए।
मुख्य चिकित्साधिकारी गिरेंद्र मोहन शुक्ल जिले का चार्ज लेने के बाद पहली बार अस्पताल में अचानक आने से समस्त अधिकारी, कर्मचारी सकते में आ गये ।
उन्होने सर्वप्रथम प्रसव कछ में जाकर साफ सफाई, वहां की व्यवस्था देखा और पूछा खाना मिलता है या नहीं। मरीजों ने कहा हां मिलता हैं । नर्स से प्रसव रजिस्टर मांग कर देखा और पूछा माह में कितने प्रसव हुए है । इसको नर्स से पूछने पर पर नर्स नहीं बता पायीं और रजिस्टर से गिनकर बताईं ।
निर्माणाधीन कोविड सेंटर कक्ष जो चालीस बेड का बन रहा हैं उसके मानक की जानकारी ली l प्रधानमंत्री आयुषमान के आपरेटर पवन कुमार मिश्रा को कमरे में देखकर कहा की आप यहां क्या कर रहे हैं आप गांव जाकर घर घर में पहुंचकर पात्रों का कार्ड बनाएं ।
एक्स-रे मशीन ना होने पर अधीक्षक आनंद तिवारी पर डॉ0 तिवारी ने कहा कि विभाग को जानकारी दी गई हैं किंतु आश्वासन ही मिलता है। सीएमओ ने कहा अब जल्द ही सांगीपुर अस्पताल में एक्स-रे मशीन आयेगी ।
अंत में अधीक्षक को विशेष सफाई कराने की बात कह कर चले गयें lतब अस्पताल के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों में राहत दिखाई दिया lबताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने अस्पताल से चिकित्सक ड्यूटी समय पर नदारद रहकर निजी प्रैक्टिस करते हैं और वेतन सरकार से लेते हैं इस पर रोक लगाने के लिए सीएमओ गिरेंद्र मोहन शुक्ल के द्वारा लगातार जिले के अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जा रहा हैं।
लेकिन चिकित्सकों के तार सीएमओ कार्यालय तक होने के कारण उनको भनक लग ही जाती हैं । हालांकि नवागंतुक सीएमओ के आने से काफी हद तक सुधार हुआ है ।
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