आनंद गुप्ता
पलियाकलां खीरी :विद्या भारती विद्यालय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज पलिया कलां खीरी में आज बिरसा मुण्डा की जयन्ती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई।
इस पावन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं बाल मेला का आयोजन किया गया।
आज के इस महनीय कार्यक्रम में भारत नेपाल के थारू जनजातीय समुदाय में अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अपने समाज के प्रेरणा स्त्रोत सन्त शिरोमणि सुम्मन भगत विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य वक्ता रहे।
मुख्य अतिथि के रूप में सावित्री चौहान अध्यक्ष महिला मण्डल बीएचएल परिवार (धर्मपत्नी ओ पी चौहान यूनिट हेड बीएचएल) रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के प्रबन्धक राम बचन तिवारी की धर्म पत्नी मीना तिवारी ने की।
प्रान्तीय अधिकारी विशाल सिंह चौहान आन्तरिक अंकेक्षक विद्या भारती अवध,की उपस्थिति प्रेरणादाई रही। नवम एवं दशम की बहनों द्वारा थारू नृत्य के साथ गीत हरी हर नाम सुमिर सुखधाम जगत में जीवन दो दिन का प्रस्तुत किया जो भैया बहनों, अभिभावक बन्धु भगिनी, एवं सभी अतिथि महानुभावों को काफी रुचिकर लगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में वन्दना के पश्चात अतिथि परिचय प्रधानाचार्य द्वारा कराया गया। थारू समाज की छात्रा बहनों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत स्वागत बा, तुमर स्वागत बा के पश्चात मुख्य वक्ता सुम्मन भगत जी ने श्री राम के कष्टकारी जीवन की कहानी को बिरसा मुण्डा के 25 वर्ष के अल्प जीवन से जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि झारखण्ड की धरती पर जन्मे बिरसा ने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में अर्पित कर दिया।
धोखे से पकड़े जाने के बाद यातना देकर उनके जीवन को धीमा जहर देकर समाप्त किया गया। 25 वर्ष की छोटी सी जीवन धारा से ही उन्होंने जनजातीय समाज को जीने का मार्ग दिखाया।
बेगारी प्रथा से मुक्ति, स्वाभिमानी जीवन के संस्कार बिरसा से सीखे उस घुमन्तू जाति के लोगों ने। इसलिए आज हम लोगों के लिए भगवान हैं बिरसा। आज की केन्द्र सरकार ने कम से कम उनके राष्ट्र समर्पित ध्येयनिष्ठ देश अनुरागी जीवन को परखा और 2015 से उनकी जन्म जयन्ती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
यह हमारे लिए स्वाभिमान की बात है इसके लिए मैं भारत सरकार को अपने हृदय से अन्तस की गहराइयों से धन्यवाद देता हूं। मुख्य अतिथि सावित्री चौहान ने भैया बहनों में अनुशासन की भावना को काफी अच्छा बताया अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि आप सब केवल नौकरी के लिए ना पड़े आप अपने आप में कोई हुनर अर्जित करें, अच्छी लगन से राष्ट्र के लिए कुछ अच्छा करने, जीवन में अपनी इच्छानुसार क्षेत्र निश्चित करते हुए नूतन अभिरुचि से कामयाबी हासिल करने का प्रयास करें। अंक नहीं योग्यता पाने की ललक हो।
ऐसा व्यक्ति एक श्रेष्ठ नागरिक बनता है जो जीवन के किसी भी क्षेत्र में मनचाहा मुकाम हासिल कर सकता है। उन्होंने भैया बहनों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों को प्रसंशा की। कार्यक्रम का सञ्चालन चन्द्रेश्वर ने किया।
आचार्य ने बिरसा मुण्डा के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बनवासी समाज का गौरव थे बिरसा। परकीय शासन का बिरसा ने पुरजोर विरोध किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रबन्धक राम बचन तिवारी ने किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष एवं प्रबन्धक ने अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष मीना तिवारी ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथि कल्पना सिंह एवं शकुन्तला सिंह को शाल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
सह प्रबन्धक शिव पाल सिंह एवं समिति के उपाध्यक्ष निरञ्जन लाल ने थारू नृत्य एवं बाल मेले की उत्कृष्ट व्यवस्था की सराहना करते हुए विद्यालय परिवार को शुभ कामनाएं दीं।
समिति के सदस्य अभिषेक शुक्ला, अभिभावक प्रतिनिधि घनश्याम गुप्ता, गुड़िया तिवारी, विमल दीक्षित, बिल्लू , पूनम अवस्थी, पत्रकार बन्धु आनन्द शाह, रिजवान खान विवेक पाण्डेय एवं अनेक अभिभावक बन्धु भगिनी, की उपस्थिति से विद्यालय प्रांगण गौरवान्वित हुआ।
मेले में लगी व्यवस्थित दुकानें, झूला, खान पान की सामग्री की मनमोहन खुशबू सभी आगन्तुकों का मन मोह रही थी। सभी अतिथियों ने मेले का आनन्द उठाया।
मेले की श्रेष्ठ व्यवस्था का श्रेय प्रधानाचार्य ने अपने आचार्य परिवार को दिया।
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