शिक्षक के जन्मदिन पर कवि सम्मेलन व मेधा सम्मान समारोह हुआ संपन्न
कुलदीप तिवारी
लालगंज प्रतापगढ़। लालगंज के समीप वर्मा नगर स्थित यमुना प्रसाद यादव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रविवार को दूर दराज से आए नामचीन कवियों ने कविता पाठ की ओजपूर्ण प्रस्तुतियों के बीच कौमी एकता तथा राष्ट्रीय चेतना की अलख जगाई।
विद्यालय के प्रबंधक एवं आदर्श शिक्षक यमुना प्रसाद यादव के जन्मदिन पर हुए कवि सम्मेलन में मेधावी छात्र-छात्राओं तथा समाजविदों का भी आयोजन समिति की ओर से सारस्वत सम्मान किया गया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इसके बाद आयोजन समिति द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए जनपद के वरिष्ठ पत्रकार रमेश रामनाथ यादव, अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, साहित्यकार संजय शुक्ला, जय कौशल, राजा शुक्ला, पत्रकार जगत वर्मा आदि को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन में मां सरस्वती की आराधना की मनमोहक प्रस्तुति देते हुए कवियत्री अर्चना सिंह ने राष्ट्रहित के लिए, सर्जना के लिए.... छोड़कर अपना आसन पधारो हे मां पर समर्थन बटोरा।
आयोजक ओज कवि लवलेश यदुवंशी भी अपनी ओज विधा के लिए जमकर सराहे गए। लवलेश ने कहा मंजिलों की गजल गुनगुनाते रहें, दर्द लोगों के हरदम मिटातें रहें। अयोध्या से आए दुर्गेश पांडेय दुर्लभ ने पढ़ा - सोंचता हूं कि मां पर कहानी लिखूं, मां की ममता से हम आए संसार में, तुझको गंगा लिखूं या गंगा पानी लिखूं।
प्रयागराज के विपिन बिहारी त्रिपाठी ने पढ़ा - आप भी भोले शंकर सा हो जाइये वहीं जीतेंद्र जलज ने पढ़ा - हम रहें न रहें तिरंगा रहे पर कवि सम्मेलन में राष्ट्रीयता का जोश उफान पर आ पहुंचा।
रायबरेली के नीरज पांडेय ने पढ़ा - मेरी कविता का अक्षर आग उगलता है पर तालियों की गड़गड़ाहट ने कवि सम्मेलन को उचाईंया दी। प्रयागराज के शैलेंद्र मधुर ने हम हवेली के कबूतर हैं तथा इंदू सुल्तानपुरी ने पढ़ा वह सीमा पर तनाव फिजूल देता है भी लोगों की जुबां चढ़ी दिखी।
संतोष शुक्ला समर्थ ने पढ़ा - वो कहां अब भी सलीके की बात करता है भी सराही गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी सीता राम यादव व संचालन जानेमाने कवि एवं साहित्यकार अशोक सिंह बेशर्म ने किया।
प्रबंधक यमुना प्रसाद यादव ने आभार जताया। कार्यक्रम का संयोजन प्रधानाचार्य पारसनाथ वर्मा ने किया।
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