रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। ग्राम पिपरी के ब्रम्हचारी बाबा स्थान पर चल रही रामलीला में दर्शकों की भीड़ उमड़ने लगी है।
मंगलवार की रात्रि रामलीला में मुनि आगमऩ, ताड़ुका वध एवं मारीच दरबार की लीला का कानपुर के कलाकारों द्वारा मंचन किया गया। रामलीला मंचन की तीसरी रात्रि लीला मारीच दरबार से प्रारम्भ हुई।
जिसमें मारीच और सुबाहु अपने दल बल के साथ अपने बाहुबल की प्रशंसा करते दिखे। खानसामा ने विविध प्रकार के राक्षसी व्यंजन प्रस्तुत किये जिसे खा पीकर नृत्यगान की मस्ती में सभी राक्षस चूर थे तभी उन्हें विश्वामित्र द्वारा यज्ञ किये जाने की सूचना मिली।
सभी राक्षस यज्ञ मंडप पर टूट पड़े और यज्ञ विध्वंस कर दिया। उधर विश्वामित्र ने मन में विचार कर अयोध्या पहुंच गये और महाराज दशरथ से उनके दो पुत्रों राम और लक्ष्मण को यज्ञ रक्षा के लिए मांगा।
गुरु वशिष्ठ के समझाने पर राजा ने राम, लक्ष्मण को उनके साथ भेज दिया। मार्ग में ताड़क वन में ताड़ुका नामक राक्षसी सो रही थी और उसका सेवक चिरपोटन उसकी आरती कर रहा था।
जागने पर ताड़ुका आमिष मदिरा का सेवन कर उन्मत्त हो उठी। विश्वामित्र के संकेत पर राम ने उसका संहार किया। विश्वामित्र यज्ञ रचना करने लगे तो मारीच और सुबाहु अपनी सेना के साथ पहुंच गये।
दोनों भाइयों से उनका घनघोर युद्ध हुआ। सुबाहु को राम ने अग्निवाण से जला दिया तथा मारीच को बिना फर के वाण से समुद्र पार पहुंचा दिया।
लीला का अभिनय लोकेंद्र मिश्रा, पुष्पेंद्र मिश्रा, देवेंद्र कुमार, राजू मिश्रा, देवनारायन, पंकज शास्त्री, अरुण कुमार, विनोद, संदीप कानपुर के कलाकारों ने अभिनय किया।
वहीं संतोष कुमार पांडेय, संजय पांडेय, पवन कुमार मिश्रा, मनोज कुमार मिश्रा, राधेश्याम मिश्रा, शिव कुमार, राज कुमार मिश्रा, ब्रह्मा प्रसाद, राजेश कुमार, रमेश आदि समेत तमाम दर्शक मौजूद रहे।
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