विनोद कुमार
खबर प्रतापगढ़ से है जहां महिलाओं के खिलाफ लैंगिक हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 25 नवंबर से लेकर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस 10 दिसंबर के बीच अंतरराष्ट्रीय अभियान पखवारा प्रतापगढ़ में भी मनाया जाएगा।
उक्त अभियान की जानकारी देते हुए तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सभी रूपों को नष्ट करने के लिए मानव अधिकार एक मुद्दा है और महिलाओं के खिलाफ की जाने वाली हिंसा की कार्रवाई मानव अधिकारों का उल्लंघन है।
उक्त विचार मॉडर्न पब्लिक इंटर कॉलेज कुशफरा के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर आसरा फाउंडेशन की सचिव सोनिया गुप्ता ने कहा कि महिलाएं कोई वस्तु नहीं बल्कि एक इंसान हैं।
उन्हें भी आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए। तभी हमारे समाज का विकास संभव है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इंटर कॉलेज के प्रबंधक दिलशाद खान ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि सभ्य समाज के लिए महिला हिंसा एक अभिशाप है।
इसे रोकने के लिए महिलाओं के साथ पुरुषों को भी आगे आना होगा। इसी क्रम में चाइल्डलाइन की सदस्य बीनम विश्वकर्मा ने कहा कि बेटियों की शादी के समय उनकी भी राय लेनी चाहिए और परिवार को चाहिए कि उनकी मर्जी के बिना शादी ना करें।
उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं। महिलाएं इतिहास पढ़े नहीं, बल्कि खुद रचें। ताकि समाज में उनका भी नाम रोशन हो सके।
कार्यक्रम में चाइल्डलाइन के सिटी कोऑर्डिनेटर अर्पित श्रीवास्तव ने उपस्थित महिलाओं बहनों की हौसला अफजाई करते हुए नारे के माध्यम से कहा कि "चुप्पी तोड़ो हिंसा रोको", "रहम नहीं अधिकार चाहिए, बेटी को सम्मान चाहिए।" कार्यक्रम का संचालन हकीम अंसारी ने किया।
कार्यक्रम के आयोजक मेहताब खान ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य राजेंद्र नाथ दुबे, शबनम खान, उमा यादव, प्रीति शुक्ला, काजल सिंह, जूली शुक्ला, सादिया खान एडवोकेट, अभय राज यादव आदि लोगों ने महिला हिंसा के विरुद्ध अपने संबोधन से आवाज बुलंद किया।
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