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प्रतापगढ़:फर्जी मस्टर रोल जारी करने वाले के विरूद्ध कड़ी:जिलाधिकारी



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों एवं 50 लाख रूपये से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।


 जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जीएम शुक्ला, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 आर0सी0 शर्मा, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, डीसी एनआरएलएम एन0एन0 मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह सहित सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 


प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक डीआरडीए को निर्देशित किया कि अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण करायें। 


मनरेगा की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मनरेगा सम्बन्धी जो शिकायते प्राप्त हो रही है उसकी जांच करके दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये, फर्जी मस्टर रोल जारी करने वाले के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। 


अमृत सरोवर की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मानक के अनुरूप अमृत सरोवर का निर्माण कराया जाये एवं उनका सौन्दर्यीकरण भी किया जाये ताकि वह जन उपयोगी हो सके। 


लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि शासन की मंशा के अनुरूप गड्डामुक्ति अभियान चलाकर जनपद की सड़कों को यथाशीघ्र गड्डामुक्त किया जाये, इमसें किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाये। 


वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत लगाये गये वृक्षों की जियो टैगिंग की समीक्षा के दौरान बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक शत् प्रतिशत जियो टैगिंग न कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देशित किया गया कि अवशेष जियो टैगिंग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर लिया जाये। 


आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं वेलनेस सेन्टरों के निर्माण की समीक्षा करते हुये उन्होने निर्देशित किया कि कार्यदायी संस्थाओं से सम्पर्क कर विभागीय अधिकारी इनका निर्माण मानक के अनुरूप सुनिश्चित करायें। जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि विद्यालयों में कायाकल्प योजना के अन्तर्गत पेयजल, बालक एवं बालिका शौचालय तथा फर्श मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार जिन विद्यालयों में सुविधा नही है वहां पूर्ण कराया जाये। 


निराश्रित गोवंश की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गो आश्रय स्थलों की निरन्तर निगरानी करते रहे, गो संरक्षण केन्द्रों पर चारा, पानी, प्रकाश, पशुओं के स्वास्थ्य आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखे। 


मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गोवंश के पशुपालक को समयानुसार धनराशि भेजी जाये। पेंशन खातों को आधार कार्ड से जोड़े जाने की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी अभियान चलाकर आधार फीडिंग कराये जाने का निर्देश दिया। 


इसी तरह से सामाजिक वानिकी, मत्स्य सम्पदा योजना, आईजीआरएस, कन्या सुमंगला योजना, सिंचाई विभाग, निःशुल्क बोरिंग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, कौशल विकास विभाग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम/खादी ग्रामोद्योग विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, कृषि विभाग सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गयी। 


जिलाधिकारी ने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये खेल स्टेडियम, गौशाला निर्माण, इंजीनियरिंग कालेज, नवीन नगर पंचायत भवन, आवासीय एवं अनावसीय भवनो के निर्माण, आई0टी0आई0 कालेज, ट्रांजिस्ट हास्टल, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, आंगनबाड़ी भवन आदि की समीक्षा। अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। 


यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। 


सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।

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