रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। श्री धनुषयज्ञ महोत्सव समिति सकरौरा के रंगमंच पर बीती रात रावण अत्याचार और श्रीराम जन्म की लीला स्थानीय कलाकारों द्वारा मंचित की गयी।
रावण के अत्याचारों से त्रस्त पृथ्वी ने गौ रूप धारण करके देवताओं से अपनी रक्षा के लिए आर्तनाद किया।
देवताओं के साथ गौ रूपी पृथ्वी ब्रह्मा जी के पास गयी। ब्रह्मा जी ने अपनी असमर्थता प्रकट की तथा भगवान शंकर ने शेषशायी भगवान विष्णु की प्रेम पूर्वक आराधना करने का परामर्श दिया।
सभी ने जय जय सुरनायक जन सुखदायक....... वंदना की। इससे द्रवित होकर भगवान विष्णु ने आश्वासन दिया कि हम अंशों सहित अयोध्यापति महाराज दशरथ के पुत्रों के रूप में अवतार धारण करेंगे और रावण आदि का संहार करके धरती का उद्धार करेंगे और धरा पर धर्म राज्य की स्थापना करेंगेे।
इधर नि:संतान महाराज दशरथ ग्लानि से भरे हुए गुरु वशिष्ट के पास पहुंचते हैं और अपनी व्यथा कहते हैं। उनके परामर्श से महाराज दशरथ पुत्रेष्टि यज्ञ कराते हैं जिससे तीनों रानियां गर्भवती होती हैं। समय पर भगवान विष्णु कौशल्या को चतुर्भुज रूप में दर्शन देते हैं।
इसी के साथ पूरे पांडाल में "भये प्रकट कृपाला दीन दयाला, कौशल्या हितकारी...." की स्वर लहरियां गुंजायमान हो जाती हैं। अन्य दोनों रानियां भी तीन पुत्रों को जन्म देती हैं। अवध में उत्सव मनाया जाता है। भगवान शिव भी बालरूप श्रीराम का दर्शन करने आते हैं।
चारों कुमारों की बाल लीलाओं का प्रदर्शन किया गया। गुरु वशिष्ठ ने उनका नामकरण किया तथा अगले दृश्य में राजनाई द्वारा चारों का चूड़ाकरण संस्कार किया गया।
लीला में भोला सोनी, हृषिकेश पाठक, बद्री प्रसाद कश्यप, कमलेश श्रीवास्तव, रोहित जायसवाल, विनय कश्यप, भगौती प्रसाद आदि के अभिनय सराहे गये। पात्रों का श्रृंगार रितेश सोनी व उनके सुपुत्र आयुष सोनी ने तथा लीला का संचालन श्रीभगवान साह व पन्नालाल सोनी ने किया।
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