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पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी परम्पराओं की ओर लौटें:अजय क्रांतिकारी



वेदव्यास त्रिपाठी 

पर्यावरण सेना द्वारा 'पर्यावरण संरक्षण और प्राचीन परंपराएं' विषयक जागरूकता अभियान के तहत ग्राम कोडरा में समुदाय के साथ हरित संवाद कर लोगों को जल संचयन एवं पर्यावरणीय स्वच्छता के लिए जागरुक करते हुए लोगों से अपनी पुरानी परंपराओं से जुड़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया।


लोगों को जागरूक करते हुए पर्यावरणविद् एवं पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी ने कहा कि प्रदूषण का बेहतर इलाज हमारी अपनी भारतीय परंपराओं में है।उन्होंने कहा कि हरे पत्तल और मिट्टी के बर्तनों में खाने-खिलाने की हमारी प्राचीन परंपरा है।


सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे अच्छा विकल्प हमारे द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला अंगौछा है।जिसका बेहतर प्रयोग कर हम प्लास्टिक प्रदूषण को हमेशा के लिए समाप्त कर सकते है।


उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं में प्रकृति की आराधना का भाव है।जिसे आज की वर्तमान पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध में भुलाने में जुटी है।हम अपनी भारतीय परंपराओं को भूलते जा रहे हैं और विदेश के लोग उसका अनुसरण कर अपने को सशक्त बना रहे हैं।


उन्होंने सभी से सामाजिक बुराइयों को समाप्त कर मजबूत एवं प्रदूषण मुक्त भारत बनाने की अपील की।


इस मौके पर रवि प्रकाश मिश्र,निर्मला देवी,अरविंद कुमार,आदित्य कुमार एवं नमन  कुमार तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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