Dipawali 2022:समस्त कार्तिकमास दीपदान के लिए प्रसिद्ध है। जिसमे प्रदोषकाल (सूर्यास्तकाल) मुख्य है। कार्तिककृष्ण त्रयोदशी तिथि से अमावस्या तिथि तक के कृत्यो हेतु प्रदोषकाल व रात्रिकाल मुख्य है।
इस वर्ष 2022,संवत 2079 को त्रयोदशी तिथि दिनांक 22 अक्टूबर शनिवार को सायं 5/04 से मिल जाती है तथा दूसरे दिन सायं 4/32 तक ही रहती है तथा प्रदोषकाल पूर्व समाप्त हो जाने के कारण दिनांक 22 अक्टूबर शनिवार को ही धनत्रयोदशी (धनतेरस) मनाया जाएगा
दिनांक 23 अक्टूबर रविवार को रात्रिकालीन चंद्रोदय युक्त चतुर्दशी में नरकचतुर्दशी होगी।
दिनांक 24 अक्टूबर सोमवार को चतुर्दशी युक्त अमावस्या तिथि में सायं 5।3 से प्रदोषकाल में प्राप्त होकर सम्पूर्ण रात्रि में रहती है तथा दूसरे दिन दिनांक 25 अक्टूबर मंगलवार को अमावस्या तिथि का प्रदोषकाल में अभाव है।
अतः दिनांक 24 अक्टूबर सोमवार को ही दीपावली पूजन होगा।
|।दीपावली पूजन हेतु शुभ मुहूर्त।।
ज्योतिषाचार्य पं आत्मा राम पाण्डेय जी ने बताया कि दीपावली पूजन का मुख्य काल प्रदोषकाल होता है। जिसमे लक्ष्मी, गणेश,कुबेरादि देवो का पूजन होता है। इसमें स्थिरलग्न वृष की प्रधानता तथा स्वाती नक्षत्र का योग मुख्य माना जाता है। इसके अलावा अन्य स्थिरलग्न कुंभ व सिंह की भी प्रधानता होती है।
।।रात्रि में स्थिरलग्न।।
वृषलग्न -रात्रि 6/51 से रात्रि 8/47 तक
सिंहलग्न -रात्रि 1/19से3/33 तक
।।दिन में स्थिरलग्न।।
कुंभलग्न -दिन 2/15से दिन 3/46 तक
।।महाकाली पूजन।।
आज महाकाली पूजन हेतु निशीथकाल(मध्यरात्रि) रात्रि 11/35 से रात्रि 12/26 तक है।
इस पर्व का चतुर्थ कृत्य दिनांक 25 अक्टूबर मंगलवार को बलिपूजा* रात्रिकाल में तथा दिनांक 26 अक्टूबर बुधवार को अन्नकूट होगा।
दिनांक 27 अक्टूबर गुरुवार को पंचम कृत्य भातृ द्वितीया (भैया दूज)होगा।
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