कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार से विदेशी मुद्रा भण्डारण के निचले स्तर पर पहुंचने और तिरासी रूपये के ऊपर डालर के मुकाबले रूपया पहुंचने को मंहगाई के नियंत्रण क्षेत्र में मोदी सरकार का निराशाजनक प्रदर्शन कहा है।
वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को इटावा के सैफई पहुंचकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के शांतिपाठ मे शामिल होते हुए मुलायम सिंह को धर्मनिरपेक्षता तथा समाजवाद का सच्चा हिमायती करार दिया।
प्रमोद तिवारी ने मुलायम सिंह यादव के श्राद्ध मे शामिल होते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण कर स्वयं तथा कांग्रेस पार्टी की ओर से श्रद्धासुमन भी अर्पित किये।
प्रमोद तिवारी ने कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा पूर्व सांसद डिम्पल यादव से मिलकर अपनी पारिवारिक संवेदना भी प्रकट की।
इधर ताजा जारी बयान में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस के द्वारा दिये गये त्यागपत्र का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटिश पीएम ने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में मात्र पैंतालिस दिनों के भीतर इसलिए त्याग पत्र दे दिया क्योंकि इस्तीफे मे उन्होने स्पष्ट कारण दर्शाते हुए ब्रिटेन में आर्थिक सुधारों तथा मंहगाई पर नियंत्रण और पाउण्ड की साख बचाने मे चुनावी वायदे पूरी नही कर सकी।
कांग्रेस सांसद प्रमोद ने लिज ट्रस के इस्तीफे पर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में जतायी गयी अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि भारत ने भी आजादी मिलने पर ब्रिटिश संसदीय प्रणाली को अंगीकृत किया है।
उन्होनें कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी भी उसी संसदीय प्रणाली का कांग्रेस की सरकार के समय उदाहरण रखते हुए तत्कालीन सरकारों की आलोचना किया करते थे और त्याग पत्र की भी मांग रखा करते थे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मौजूदा मोदी सरकार पर तंज कसा कि आज की बदली हुई भाजपा से न तो वह अथवा देश सत्ता के मौजूदा नेतृत्व से त्यागपत्र की उम्मीद कर सकता है और न ही नैतिकता का ही इस सरकार के द्वारा उदाहरण प्रस्तुत करने की गंुजाइस रह गयी है।
श्री तिवारी ने मोदी सरकार से कहा है कि वह बढती हुई मंहगाई, बेरोजगारी और डालर के मुकाबले रूपये की गिरती हुई साख को याद करे और अब मन की बात कम करते हुए काम की बात ज्यादा शुरू करे।
कांग्रेस राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि बिगडती अर्थव्यवस्था से व्यापारिक क्षेत्र एवं शिक्षा के हितों पर इस समय लगातार हो रहा कुठाराघात चिंताजनक है।
वहीं उन्होने सरकार से कहा कि देश हित को सर्वोपरि के सिद्धांत पर अब वह देश के करोडो लोगों की परेशानियों की तरफ ध्यान दे न कि मात्र दो पूंजीपतियों को तिजोरी भरने के लिए देश को टुकडे टुकडे मे बेचने का राष्ट्रहित के विपरीत आचरण को जारी रखे।
प्रमोद तिवारी का यह बयान मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से यहां जारी किया गया है।
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