अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में सोमवार को आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 147 वी जयंती मनाई गई । प्रबंध निदेशक डॉ एमपी तिवारी ने मुख्य अतिथि क्षेत्राधिकारी दरवेश सिंह के साथ सरदार पटेल के चित्र पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी ।
जानकारी के अनुसार 31 अक्टूबर, को शहर के अग्रेजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में “सरदार वल्लभ भाई पटेल' का जयंती मनाया गया। "सरदार वल्लभ भाई पटेल' के जयंती के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम०पी० तिवारी, मुख्य अतिथि श्री दर्वेश कुमार सी0ओ0 सिटी एवं डॉ० शिवानंद पाण्डेय विभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र.) एम0एल0के0 पी0जी0 कालेज, बलरामपुर ने माँ सरस्वती एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यापर्ण कर द्धीप प्रज्जवलित किया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बच्चों को बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 गुजरात के नाडियाद में एक किसान परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम झवेरभाई और माता का नाम लाडबा देवी था। भारत में सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे जो स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा का प्रमुख स्त्रोत स्वाध्याय था। उन्होनें लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई की और उसके बाद पुनः भारत आकर अहमदाबाद में वकालत शुरू की। सरदार पटेल ने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। वह भारत की राजनीतिक एकता से समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे और उन्होनें संघ के भीतर स्वतंत्र राज्यों के विचार को छेड़ा। अपनी फौलादी इच्छाशक्ति के कारण, उन्हें "भारत का लौह पुरूष' भी कहा जाता है। सरदार पटेल द्वारा इस इस लड़ाई अपना पहला योगदान खेड़ा संघर्ष मे दिया गया, जब खेड़ा क्षेत्र सूखे की चपेट में था और वहां के किसानों ने अंग्रेज सरकार से कर में छूट देने की मांग की। जब अंग्रेज सरकार ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया, तो सरदार पटेल, महात्मा गांधी और अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हें कर न देने के लिए प्रेरित किया। अंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को कर में राहत दे दी गई। 'सरदार वल्लभ भाई पटेल' के जयंती के अवसर पर विद्यालय में सर्वथम विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी. मख्य अतिथि श्री दर्वेश कमार सी०ओ० सिटी, बलरामपर, डॉ० शिवानंद पाण्डेय विभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र.) एम0एल0के0 पी0जी0 कालेज, बलरामपुर सहित छात्र-छात्राओं एवं अध्यापक/अध्यापिकाओं ने देश की एकता का शपथ ग्रहण किया। तत्पश्चात् सरदार वल्लभ भाई पटेल के जयंती के अवसर पर एकता दौड़ का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा० एम०पी० तिवारी की संरक्षता में सभी छात्र-छात्राओं ने तिरंगे को लहराते हुए एकता दौड़ सम्पन्न कराया। इसी क्रम में आयुशी श्रीवास्तव कक्षा-10 एवं अंशिका श्रीवास्तव कक्षा-9 की छात्राओं ने हिन्दी एवं अग्रेजी में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। भाषण के अन्तर्गत विराट, रिया, मानविक, आदित्य, श्लोक, साहवी, वैष्णवी, अविरल, वीरा, मधुकर, श्रेयांश, शबा, आराध्या एवं मानिक आदि ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन परिचय के बारे में अपना-अपना विचार प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत कक्षा-8 के छात्रों के द्वारा (गीत-सरदार वल्लभ भाई पटेल) नामक गीत पर एक सुन्दर सा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें ऋर्षि, ओमजी, अतुलेश, आयुश, राहिल, सुभित, अंश एवं विराट ने प्रतिभाग किया। इसी क्रम में कला प्रतियोगिता में मेधावी, मानवी, तनय, नैना, आलिया, प्राख्या, आकर्ष, अनुराग, अंश, श्लोक, तनमय, विनायक, आराध्या एवं पलक ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को देखकर आये हुये मुख्य अतिथि सहित विद्यालय के अध्यापक/अध्यापिकाओं ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए तालियों की गड़गड़ाहट से सभी छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। फैंन्सी ड्रेस के अन्तर्गत मरियम, मेधावी, रत्नप्रिया, तनय, श्रेयांश, आराध्या आदि छात्र-छात्राओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल का रूप धारण करके अभिनय किया । अन्त में “सरदार वल्लभ भाई पटेल' के जयंती के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बच्चों द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति को देखकर समस्त प्रतिभागिओं का उत्साहवर्धन किया इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, आशुतोष मिश्रा, संतोष श्रीवास्तव, अध्यापकगण राघवेन्द्र त्रिपाठी (एक्टीविटी इंचार्ज), उर्वशी शुक्ला, सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं में छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित किया।
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