अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय सहित तीनों तहसील मुख्यालयों तथा उसके आसपास डाला छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने की सूचना प्राप्त हुई है । जिला मुख्यालय पर भव्य तरीके से डाला छठ पर्व मनाया जा रहा है । महापर्व के तीसरे दिन व्रत धारियों द्वारा पोखरे अथवा नदियों में खड़े होकर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया । उन्ही स्थानों पर आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत धारी अपने व्रत को समाप्त करेंगे ।
जानकारी के अनुसार 4 दिनों तक चलने वाले डाला छठ महापर्व बिहार राज्य से शुरू होकर अब धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र यहां तक की विभिन्न राज्यों के उन स्थानों पर जहां बिहार से आए हुए लोग निवास कर रहे हैं मनाया जाने लगा है । बलरामपुर जिले में चीनी मिल के जरिए बिहार क्षेत्र से आए लोगों द्वारा डाला छठ पर्व का शुभारंभ किया गया जो आज बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा है । अकेले जिला मुख्यालय पर हजारों की संख्या में डाला छठ मनाने वाले श्रद्धालु सरोवर तथा नदियों के घाटों पर दिखाई दिए । बलरामपुर चीनी मिल के दुर्गा मंदिर सरोवर पर बड़ी संख्या में महिला व पुरुष महापर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे । इसके अलावा राप्ती नदी तथा झारखंडी मंदिर के सरोवर पर भी बड़ी संख्या में व्रत धारियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया । बताया जा रहा है कि 4 दिनों तक चलने वाले डाला छठ महापर्व के पहले दिन नहाए खाए से सात्विक विचार रखते हुए सात्विक पकवान बगैर लहसुन व प्याज के भोजन करके अनुष्ठान प्रारंभ किया जाता है । दूसरे दिन विशेष प्रकार के पकवान ठेकुवा के साथ लौकी व अन्य ऋतु फल तथा सब्जियों का भोजन करने का विधान है । दूसरे दिन के सायं काल से भोजन के बाद निर्जल व्रत प्रारंभ हो जाता है जो तीसरे दिन पूरा दिन जारी रहता है । निराजल व्रत करते हुए ही तीसरे दिन सरोवर अथवा नदी में डूबते सूर्य को व्रत धारी अर्घ्य देते हैं। रात भर निराजल व्रत जारी रखते हुए चौथे दिन की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया का पूजन अर्चन विभिन्न प्रकार के ऋतु फल तथा पकवानों से करने के उपरांत व्रत धारी अपना व्रत समाप्त करते हैं। इस वर्ष सोमवार को व्रत धारियों द्वारा उगते सूरज को अर्घ देकर महा पर्व का समापन किया जाएगा ।
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