अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के तीनों तहसील क्षेत्रों में सैकड़ों गांवों के हजारों लोग राप्ती नदी के बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं । राप्ती नदी का तांडव लगातार जारी है । गांव में खाने पीने के सामग्री की पूरी तरह से समस्या उत्पन्न हो चुकी है । प्रभावित क्षेत्र के लोग अपने घरों की छतों पर बिना खाना पानी के जीवन यापन करने के लिए विवश हो गए हैं । राप्ती नदी का जलस्तर अभी घटने की संभावना भी कम नजर आ रही है । पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्र तक लगातार रुक-रुक कर हो रही बरसात जल स्तर को और बढ़ा रहे हैं । राप्ती नदी के जलस्तर ने अब तक के अधिकतम रिकार्ड को तोड़ कर एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है।
समाचार लिखे जाने तक राप्ती नदी का जलस्तर लगभग 1 मीटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका था । इससे पूर्व 2017 में खतरे के निशान से 94 सेंटीमीटर ऊपर का अधिकतम रिकॉर्ड दर्ज किया गया था समाचार लिखे जाने के समय तक खतरे के निशान से 105.620 मीटर अर्थात खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर रिकॉर्ड किया जा चुका है, जो अब तक का सबसे अधिक जल स्तर है । जिला प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री उपलब्ध कराने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है । बाढ प्रभावित क्षेत्र में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ क्षेत्र में उतार दी गई हैं । राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण चिंता बढ गई है । जिलाधिकारी डा.महेन्द्र कुमार तथा पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया । राप्ती नदी का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग 730 बौद्ध परिपथ पर जिला मुख्यालय के बगल शारदा पब्लिक स्कूल तथा पायनियर पब्लिक स्कूल के आसपास एक से दो फिट ऊपर बह रहा है, जिसके चलते तुलसीपुर की ओर जाने वाली छोटे वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है । जिला अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 100 से अधिक नाव भेज दी गई है । एसडीआरएफ की टीम क्षेत्र में पहुंच चुकी है तथा एनडीआरएफ की टीम भी शीघ्र ही पहुंचने वाली है । उन्होंने कहा कि जहां से भी समस्या की सूचना मिलती है वहां पर राहत सामग्री पहुंचाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है । वहीं पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं । लोगों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न जाने के लिए अपील किया जा रहा है तथा बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए लगातार व्यवस्था कराई जा रही है । उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई समस्या है तो उसे तत्काल बाढ़ कंट्रोल रूम अथवा जिला प्रशासन को अवगत कराएं, किसी प्रकार के अफवाहों में ना पड़े ।
बलरामपुर में राप्ती की बाढ़ का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग 730 बौद्ध परिपथ सहित कई प्रमुख मार्गों पर भर जाने के कारण आवागमन या तो पूरी तरह बंद कर दिया गया है अथवा अवरुद्ध हो गया है । राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2 से 3 फीट पानी बह रहा है, महाराजगंज ललिया मार्ग पर 3 से 4 फुट पानी के कारण मार्ग बंद हो चुका है । हरिहरगंज ललिया मार्ग तेज बहाव तथा काफी पानी के कारण बंद हो चुका है । कोडरी मथुरा मार्ग पर भी अधिक पानी के कारण बंद हो चुका है, तुलसीपुर उतरौला मार्ग पर भी पानी ज्यादा होने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो चुका है। इसके अलावा कई गांव के लिंक मार्ग भी अधिक पानी के कारण पूरी तरह से बंद हो चुके हैं । जिला प्रशासन ऐसे सभी स्थानों पर नाव की व्यवस्था करने का दावा कर रहा है । बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण अभी सहायता की लगातार मांग कर रहे हैं ।
जनपद की प्रमुख राप्ती नदी के बाढ़ की भयावह स्थिति के लिए पूर्वांचल क्षेत्र में विख्यात है । बलरामपुर में राप्ती नदी का अधिकतम जलस्तर खतरे के निशान 104.620 मीटर से 94 सेंटीमीटर ऊपर 105.540 मीटर वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था । इस अधिकतम रिकॉर्ड को वर्तमान जलस्तर ने पीछे छोड़ते हुए 105.620 से ऊपर पहुंच चुका है । इस समय राप्ती नदी खतरे के निशान से एक मीटर से ऊपर बह रही है। केंद्रीय जल आयोग रिपोर्ट के मुताबिक जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है, जो एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है । समाचार लिखे जाने तक जलस्तर लगातार बढ़ रहा था ।
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