गौरव तिवारी
खबर प्रतापगढ़ से है जहां बारिश के साथ चल रही तेज हवा ने पूरी तरह धान की फसल को बर्बाद कर दिया है।
किसानों द्वारा पूंजी लगाकर धान की फसल तैयार की थी लेकिन प्रकृति हमारे खिलाफ हो गई है।
जब फसल काटने का समय हुआ तो फसल बर्बाद हो गई।बारिश का सिलसिला बीते तीन दिनों से जारी है। बीती रात को भी बारिश के साथ तेज हवा ने कहर बरपाया।
खेत में खड़ी धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। यह देख किसानों के चेहरे पर उदासी छा गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि पानी में गिरी हुई फसल यदि जड़ से नहीं उखड़ी है तो यह धूप होने के साथ खड़ी हो जाएगी।
फिर भी 20 से 30 फीसद उत्पादन घट जाएगा। जिससे जिले के सभी क्षेत्रों में जैसे कि कुंडा, लालगंज, रानीगंज, सदर, तथा पट्टी के पूरे दलपत शाह, अमापुर, दयाल गंज, भाटी कला, भाटी खुर्द ,गोदल पट्टी, गौहानी पचौरी, सदा विक्रम पट्टी, गोविंदपुर, धौराहरा, तीबिपुर्, कबीरपुर, दलापुर, धनेपुर, लबेदा, बेटा बिझला, दाउदपुर, अकारी पुर, पर्वतपुर, सुलेमान, लखीपुर आदि गांवों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।
किसानों का कहना कि सरकार सर्वे कराकर उचित मुआवजा दे।
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