रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। बांध पर निवास कर रहे बाढ़ प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए एक युवक निःशुल्क पाठशाला चला रहा है।
एक तरफ पूरा क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है लोगों ने घर बार छोड़कर बांध पर आशियाना बनाया है, वहीं गांव का एक युवक ऐसा है जो आर्मी की तैयारी के साथ-साथ बच्चों को निशुल्क पढ़ाने की पाठशाला बांध पर ही चला रहा है।
बच्चे बाढ़ के दौरान इधर-उधर न भटके और उनकी पढ़ाई चौपट न हो इसके लिए एक युवक ने बांध पर ही एक छप्पर में पाठशाला शुरू कर दी और वह लगातार बच्चों को कॉपी, किताब, पेंसिल, रबर इत्यादि उपलब्ध कराते हुए उन्हें पढ़ा रहा है। ग्राम नकहरा में आई भीषण बाढ़ का पानी अभी गांव में भरा हुआ है।
विद्यालय बंद चल रहा है वहीं इस गांव का एक युवक सूरज कुमार 20 वर्ष खुद आर्मी की तैयारी कर रहा है और बांध पर इधर उधर भटकने के बजाय अपना समय बच्चों के बीच बिताने के लिए निशुल्क पाठशाला का संचालन भी कर रहा है।
सूरज ने बताया कि उसने स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद सेना में जाने की तैयारियां शुरू कर दी। उसके लिए प्रतिदिन वह सुबह शाम दौड़ लगाना और शरीर को सेना में भर्ती होने के योग्य बनाने का काम करने के साथ-साथ सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बच्चों के बीच रहकर बांध पर ही एक छप्पर में 30 से 40 बच्चों को पढ़ाने का काम करता है।
जिसमें कक्षा 1 से 5 तक बच्चों को पढ़ाता है। इस कार्य से पूरे गांव के लोग बेहद खुश हैं और सूरज की प्रशंसा कर रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस बाढ़ के समय बच्चे इधर उधर बांध पर ही खेल रहे थे जिससे उनके जीवन को भी खतरा था।
बांध के दोनों तरफ पानी भरा हुआ है जिससे वह उसमें गिर सकते हैं। ऐसी स्थिति में सूरज ने बच्चों को एक जगह बैठा कर पढ़ाना शुरू किया, तो बच्चे भी खुश हो गए। उसकी इस व्यवस्था के लिए ग्रामीणों ने खुशी जताई।
सूरज का कहना है कि आपदा के समय भी बच्चों के बीच उनका समय भी जाता है और बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलने के साथ साथ उसकी पढ़ाई की रिपीट हो जाती है।
उप जिलाधिकारी हीरालाल ने कहा की ऐसे लोगों को ही सही मायने में समाज सेवक कहा जाता है। जो कठिन परिस्थितियों में भी लोगों के काम आते हैं। उन्होंने सूरज कुमार की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
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