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गोण्डा:नशीली दवाओं के ऑनलाइन तस्करी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार



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बागीस तिवारी

गोण्डा: पुलिस ने नशीली दवाओं के ऑनलाइन तस्करी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा करते हुए तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से एक हुंडई कार सैंपल के लिए रखे गए 54 पत्ता अल्प्रासेफ टेबलेट दो लैपटॉप चार सेट एंड्राइड मोबाइल हार्ड डिक्स सहित अन्य उपकरण बरामद किए हैं।


पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के विरुद्ध चलाए गए राज्यव्यापी अभियान में नगर कोतवाली पुलिस व एसओजी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अमेरिका व यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं का ऑनलाइन व्यापार करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। 


पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ के दौरान इन अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि नशीली दवाओं की बिक्री करने के लिए Skype App  पर अपना अकाउण्ट बनाकर ड्रग्स बायर और पिल्स प्रोवाइडर से सम्पर्क कर यह ऑनलाइन साइबर क्राइम प्रारम्भ किया गया था।


 इनके द्वारा 3 वर्ष में लगभग 5 करोड़ रूपये का प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री आनलाइन किया गया। करीब 2 करोड़ रूपये का लाभ प्राप्त किया गया। इसके अतिरिक्त इन लोगों द्वारा विभिन्न ऐप्स से वर्चुअल नम्बर क्रिएट कर अपने मूल पहचान को छिपाते हुए उन वर्चुअल नम्बरों से व्हाट्सएप एकाउंट बनाकर व्हाइट पेज वेबसाइट से विदेशी ग्राहकों से संपर्क कर उनका पूरा पता प्राप्त करते थे। 


फिर चैट के माध्यम से ग्राहकों से बात कर उनकी मांग के अनुसार वहां के स्थानीय लोगों के माध्यम से अपने ग्राहकों को प्रतिबंधित नशीली गोलियों की सप्लाई करते थे। इस तरह डेढ़ वर्षों में ऐसे विदेशी नागरिकों व लोकल वेण्डर्स जिनका प्रतिबंधित नशीली दवाओं का स्टाक अमेरिका में उपलब्ध था। 


उनका डाटाबेस तैयार कर लिया गया था। और वे अभियुक्तगण के नियमित ग्राहक व विक्रेता बन गये थे। जिससे प्रतिबंधित नशीली दवाओं का ऑनलाइन व्यापार व्यापक रूप से चल रहा था। इन विदेशी ग्राहकों द्वारा PayPal, MoneyGram ,Western Union एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारत में स्थित अभियुक्तगण के खातों में करते थे।


 तीन अभियुक्तों में नगर कोतवाली क्षेत्र के खान कॉलोनी निवासी अब्दुल हादी वअब्दुल बारी तथा लखनऊ के विभूति खंड गोमती नगर निवासी विशाल श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया है। 


पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि अमेरिका यूके देशों में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा किया गया है। इन्होंने क्रिप्टोकरंसी वेस्टर्न यूनियन पेपाल कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन किया है।


 नशीली दवाओं के इस अवैध कारोबार में इनको दो करोड रुपए की प्रॉफिट मिली है। यह लोग अवैध ड्रग को अपने एजेंट के माध्यम से जो अमेरिका में रहते हैं या फिर कूरियर वेब तथा अन्य माध्यमों से अमेरिकन लोगों के डेटाबेस को ले लिया करते थे। एक ऐप के माध्यम से कॉल करते थे। 


जिसमें मोबाइल नंबर चेंज हो जाता है। जिससे पता चलता था कि यह लोग अमेरिका में रहकर ही बातचीत कर रहे हैं। उनको नशीली दवाओं की सप्लाई देते थे। भारत व अमेरिका के कुछ बड़े दवा व्यापारियों के नाम प्रकाश में आए हैं। देश के ऐसे व्यापारी जो अमेरिका में अपना स्टॉक रखते हैं। 


इन नामों का साझा हम एजेंसियों से करेंगे। इनका काम करने का तरीका बड़ा ही यूनिक था। यह पैसों की लेनदेन क्रिप्टो करेंसी वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर में डील करते थे। उसमें केवल एक कोड व नाम बताना पड़ता है। ऐसे मामलों में ट्रेस करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। 


इनके द्वारा अपराध से अर्जित की गई संपत्तियों को ट्रेस किया जा रहा है। कुछ संपत्तियां ट्रेस हुई हैं। इनके अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए मल्टीपल टीम गठित की गई है। बाकी पूरी रिपोर्ट बनाकर अन्य जनपदों को भी हम सूचित करेंगे। ताकि इनका गैंगे वहां भी चल रहा हो तो उनकी भी गिरफ्तारी हो सके।

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