सतीश गुप्ता
सिंगाही खीरी। नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। कहां कौन चुनाव लड़ सकेगा अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन संभावनाओं की विसात पर मोहरें सजाई जाने लगी हैं।
राजनीतिक दलों से टिकट हासिल करने के लिए भी होड़ मची हुई है, टिकट के लिए प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से भी जुगाड़ भिड़ाए जा रहे हैं।
टिकट का ऊंट किस करवट बैठेगा और आरक्षण में किया बदलाव होगा अभी कुछ कहना मुश्किल है।
नगर पंचायत में सामान्य वर्ग की संख्या अधिक है, यहां चेयरमैन की सीट पहले से ही सामान्य चली आ रही है, इस बार बदलाव होने के आसार दिख रहे हैं।
1956 में नगर पंचायत का गठन होने के बाद से अभी तक ओबीसी या एससी सीट नही आई है ।जिससे ओबीसी और एससी समुदाय के लोगों को आरक्षण का लाभ नही मिल पा रहा है।
चर्चा है कि इस बार सिंगाही नगर पंचायत सीट ओबीसी या एससी श्रेणी में जाने की संभावनाएं ज्यादा है। विगत कई चुनावों से चेयरमैन के आरक्षण में बदलाव नहीं किया जा सका है।
पिछले चुनाव में भी आरक्षण में बदलाव की कोशिश हुई थी, लेकिन मामला कोर्ट में चले जाने से अटक गया था और पुराने आरक्षण पर ही चुनाव कराया गया था।
अब प्रदेश में सरकार भाजपा की है, शासन और प्रशासन स्तर पर चल रही गतिविधियों को देखते हुए संकेत साफ दिख रहे हैं कि इस बार नए सिरे से आरक्षण लागू हो सकता है। ऐसे में सभी दावेदारों की स्थिति आरक्षण को लेकर अटकी हुई।
सिंगाही नगर पंचायत में अध्यक्ष का पद आज तक ओबीसी व एससी जाति के लिए आरक्षित नहीं हुआ है। ऐसे में इस बार संभावना आरक्षित कोटे में जाने की बन रही है।
भाजपा में दावेदारों की फौज लंबी
नगरीय निकाय चुनाव में जिले के गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी की महत्तपूर्ण भूमिका रहेगी। गृह राज्यमंत्री का गृह जिला भी है इसलिए टिकट वितरण में उनकी भूमिका महत्तपूर्ण होगी।
भाजपा भी नगर पंचायत सीट के चुनाव में कोई कोताही न बरतते हुए पूरे दम खम के साथ चुनाव लड़ेगी, वैसे भी मंत्री, सांसद, विधायक भाजपा के ही हैं तो कस्बे में विकास के लिए भाजपा के नेताओं को चुनाव में ज्यादा मेहनत नहीं करना होगी।
फिलहाल नगर पंचायत सीट में दोनों ही दलों द्वारा सामान्य वर्ग के किसी युवा यह वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को मौका देकर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आगे ले जाया जा सकता है। हालांकि साफ छवि वालों को ही प्राथमिकता मिल सकेगी।
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