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पलियाकलां:बद से बद्तर स्थिति में पहुंची पलिया भीरा रोड



करीब बारह किलोमीटर रोड में पड़े कई फीट गहरे गड्ढें।

दुधवा तक जोड़ने वाली इस रोड पर राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ निकलते हैं आला अफसर।

करीब बारह किलोमीटर तक रोड में पड़े बड़े बड़े गड्ढे दे रहे दुर्घटनाओं को दावत।

 आनंद गुप्ता

पलियाकलां खीरी:पलिया से भीरा तक जाने वाली रोड इन दिनों रोड में गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढे में रोड के रूप में तब्दील हो गई है।


बारह किलोमीटर तक के सफर में कई फिट गहरे गड्ढे हो गए हैं जो दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं। इसी रोड से होकर दुधवा तक पहुंचा जाता है।

साथ ही राजनीतिक दलों के बड़े नेता से लेकर जिले के आलाधिकारी इसी रोड से गुजरते हैं। लेकिन उनकी नजर आमजन की इस बड़ी समस्या पर नहीं पड़ पाती है जिससे लोगों में खासा रोष है।

उत्तर प्रदेश के इकलौते दुधवा टाइगर रिजर्व के साथ भारत नेपाल के गौरीफंटा बॉर्डर को जोड़ने वाली भीरा पलिया रोड इन दिनों गड्ढों में तब्दील हो गई है। 


रोड का आलम यह है कि करीब बारह किलोमीटर तक रोड में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में रोड चली गई है जिससे दुर्घटनाओं की आशंका लगी रहती है। 


कई बाहर गड्ढों में तब्दील इस रोड पर वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से लोग गंभीर चोटिल हो चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद इस जर्जर रोड के निर्माण को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 


इतना ही नहीं इस रोड पर आए दिन सत्ताधारी राजनीतिक दलों के नेताओं से लेकर जिले के आलाधिकारियों का गुजर ना होता है लेकिन उन्हें आम जनमानस की इस गंभीर समस्या पर उनका ध्यान नहीं जाता। 


इस रोड पर रोजाना हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। साथ ही यात्रियों से भरी बस और स्कूली बच्चों के वाहन आवागमन करते हैं। रोड की दयनीय हालत कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकती है। 


बड़ा सवाल यह है कि दुर्घटना के बाद ही क्या शासन सत्ता और प्रशासन में बैठे अधिकारियों की आंखें खुलेगी। इस रोड की स्थिति तब और दयनीय हो जाती है जब बारिश के बाद यह गद्दे पानी से भर जाते हैं और गड्ढों की चपेट में आने से वाहन और उसमें सवार लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। शारदा पुल के पास रोड का किनारा बुरी तरह से कट गई है। 


वहीं अतरिया के पास दो स्थानों पर रोड का किनारा कई फीट गड्ढे में तब्दील हो गया है। जर्जर रोड के निर्माण को लेकर कई बार ग्रामीण आवाज उठा चुके हैं। 


लेकिन कोई उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है जिससे लोगों में शासन प्रशासन के इस लापरवाह रवैया के प्रति खासा आक्रोश पनपने लगा है।

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