राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने बलिदान दिवस पर इंदिरा गांधी तथा जयंती पर पटेल की स्मृतियांे को किया नमन, विविध कार्यक्रमों मे हुए शामिल
कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने गुजरात के मच्छू नदी पर मोरबी मे हुए पुल हादसे की घटना को अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसे लोक सम्पत्तियों के निजीकरण के सरकार के गलत प्रबंधन का भी कष्टदायी नतीजा करार दिया है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने स्वयं तथा प्रदेश कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना की ओर से ब्रिज के टूटने को लेकर हुई एक सौ इक्तालिस से अधिक मौतों पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस हादसे मे सैकड़ों की संख्या में जीवन व मौत से जूझ रहे घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
सोमवार को रामपुर खास के दौरे पर आये सांसद प्रमोद तिवारी ने इस घटना की जिम्मेदारी पूरी तरह सरकारी तंत्र पर डालते हुए कहा कि यह हादसा मात्र दुर्घटना नही बल्कि गुजरात सरकार के भ्रष्टाचार का सर्वाधिक गंभीर अपराध है।
उन्होने घटना से जुड़ी अब तक मिली रिपोर्टो का हवाला देते हुए कहा कि छः माह पहले से इस पुल का मरम्मत का कार्य चल रहा था और दुर्घटना के तीन चार दिन पहले ही इसे खोला गया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक समय में इस पुल पर सौ से अधिक लोगों के एक साथ जाने की इजाजत नही थी तब किस अमानवीय साठगांठ से पचास रूपये का टिकट लेकर पांच सौ लोगों को पुल पर पहुंचने दिया गया।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह भी बड़ा सवाल उठाया है कि इस पुल का फिटनेस सर्टिफिकेट यदि गुजरात सरकार ने नही दिया था तो बीच शहर मे स्थित इस पुल का टिकट बेंचकर पैसा कमाने की अनुमति कैसे मिल गयी।
उन्होनें गुजरात सरकार के पुलिसिया प्रबन्ध को भी इस हादसे में कटघरे मे खडा करते हुए कहा कि गुजरात पुलिस क्या इतने बड़े अपराध की मूकदर्शक थी या फिर साझेदार थी। श्री तिवारी ने कडे अंदाज में यह भी कहा कि पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी गुजरात सरकार एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की थी तो इसे कैसे प्राइवेट कंपनी के हवाले कर दिया गया।
उन्होनें तंज कसा कि यह हादसा मोदी सरकार के निजीकरण का एक और दुखद नतीजा है जिसके तहत सरकारी सम्पत्तियों का बड़े पैमाने पर सरकार निजीकरण कर रही है।
उन्होनें लालकिले का उदाहरण रखते हुए कहा कि लालकिले के रखरखाव की भी जिम्मेदारी भाजपा ने एक पूंजीपति मित्र को दे दिया जिसके चलते किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा की सह पर कुछ अराजकतत्वों द्वारा लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक और ध्वज लगा दिया गया था।
उन्होनें कहा कि यदि कांग्रेस सरकार के समय से चली आ रही व्यवस्था लागू रहती और राष्ट्रीय ध्वज तथा लालकिले की हिफाजत भारतीय सेना करती तो राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का दुस्साहस करने की किसी के द्वारा हिमाकत न हो पाती।
श्री तिवारी ने भारी मन से कहा कि सरदार पटेल की जयंती की पूर्व संध्या पर इस भीषण आपराधिक कृत्य ने सर्वाधिक चोट और कष्ट सरदार पटेल की आत्मा को भी पहुंचाया है। लालगंज चौक पर ब्लाक कांग्रेस कमेटी द्वारा अमर शहीद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस व सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए सांसद प्रमोद तिवारी ने इंदिरा गांधी की प्रतिमा व सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
उन्होनें कहा कि दोनों महान नेताओ ने देश की एकता और अखण्डता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। प्रमोद तिवारी ने कहा कि जहां सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधा वहीं इंदिरा गांधी ने आजादी के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर अपने प्राणों की आहुति दी।
कार्यक्रम का संयोजन चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी व संचालन मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने किया। इसके पूर्व प्रमोद तिवारी ने उदयपुर के समीप परानीपुर के पटेल नगर में स्थित जगन्नाथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे आयोजित शैक्षिक उन्नयन समारोह मे शामिल हुए।
उन्होनें लालगंज के अझारा गांव पहुंचकर समाजसेवी एवं शिक्षामनीषी स्वर्गीय सूर्यपाल मिश्र तथा मनीपुर में शिक्षक कालिका प्रसाद शुक्ल की पत्नी बृजरानी एवं इसी वार्ड में स्वर्गीय चंद्रिका प्रसाद तिवारी के निधन पर परिजनों से मिलकर संवेदना जतायी।
इस मौके पर संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, व्यापार मण्डल अध्यक्ष उदयशंकर दुबे, हाजी मो. शरीफ, छोटे लाल सरोज, धीरेन्द्रमणि शुक्ल, सिंटू मिश्र, संतोष पाण्डेय, कुलभूषण शुक्ल, मक्खन शुक्ला, महानंद पाण्डेय, पप्पू जायसवाल, भूपेन्द्र तिवारी काजू आदि रहे।
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