गोण्डा: योगी राज में भी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पैसों की लालच में प्रसव के लिए पहुंची महिलाओं को निजी नर्सिंग होम भेज रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक प्रसूता महिला ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक मार्मिक पत्र लिखकर कहां की आप भी महिला हैं। एक महिला के दर्द को समझ सकती हैं।
जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के गांव लोव्वा टेपरा के मजरा पांडे पुरवा निवासी अमरदीप पांडे ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए जिला महिला चिकित्सालय ले गए। आरोप है कि वहां पर अस्पताल की चिकित्सक डॉक्टर सुवर्णा को दिखाया।
मरीज को देखने के बाद उन्होंने कहा कि यदि जच्चा बच्चा दोनों की जान बचाना चाह रहे हैं। तो उन्होंने एक निजी नर्सिंग होम का नाम बताया कहां वहां ले चल कर भर्ती करो, हम वहीं पर ऑपरेशन करेंगे। आरोप है कि डॉक्टर ने वहां पर महिला का ऑपरेशन कर प्रसव कराया।
ऑपरेशन से पहले उससे 20 हजार रुपए जमा कराए गए। हालांकि प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन महिला ने जो मार्मिक पत्र सीएमओ को लिखा इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्खियों में है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा को लिखे गए पत्र में उसने कहा कि आप भी एक महिला हैं। जब मैं प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। यह दर्द कोई महिला ही समझ सकती है। तब महिला अस्पताल में तैनात डाक्टर सुवर्णा से जब मेरी मुलाकात हुई महिला चिकित्सक पाकर हमें खुशी का ठिकाना ना रहा।
लेकिन जल्द ही मेरी उम्मीद उनसे तब टूट गई। जब उन्होंने कहा कि जच्चा बच्चा दोनों को बचाना है तो यहां इलाज कराने के बजाय उन्होंने एक नर्सिंग होम में ले चलने की सलाह दिया। यह सुनकर मेरे घरवाले तत्काल संबंधित नर्सिंग होम ले गए।
जहां पर डॉक्टर सुवर्णा ने मेरा ऑपरेशन किया। तथा पैसा जमा करने के लिए कहा घर वालों ने किसी तरह कर्ज लेकर पैसा जमा किया। तब जाकर मुझे नर्सिंग होम से छुट्टी मिली। पत्र में उसने लिखा कि मैं मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से अपना कर्ज उतार लूंगी।
लेकिन भविष्य में किसी अन्य प्रसूता को इस कठिनाई से न गुजरना पड़े इसके लिए आप कुछ करें यह मेरा आग्रह है। फिलहाल शासन-प्रशासन कुछ भी दावा करें लेकिन महिला अस्पताल में दलालों की भरमार है। तथा वहां इलाज या फिर प्रसव के लिए पहुंची महिलाओं को आशा से लेकर डॉक्टर तक निजी नर्सिंग होम भेज रहे हैं।
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