रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज की प्रसिद्ध रामलीला में सोमवार को मेघनाथ वध, सती सुलोचना की लीला का मंचन किया गया।
लीला मंचन के दौरान सती सुलोचना के रोते बिलखते विमान पर सवार और टूटी चूड़ियों की बौछार लीला का आकर्षण बनी रही। रामायण गान के पश्चात लीला प्रारंभ हुई।
लीला में संजीवनी बूटी द्वारा सचेत होने पर लक्ष्मण जी और उत्साह से मेघनाथ की सेना से लड़ने को तत्पर होते हैं श्रीराम द्वारा कुंभकरण की मृत्यु होने पर मेघनाथ सेनापति बन कर अपने शुर वीरों के साथ युद्ध करने मैदान में आ जाता है।
मेघनाथ युद्ध में सुग्रीव, अंगद आदि की गदा को स्तंभित कर देता है। हनुमान द्वारा पर्वत खंड प्रहार करने पर मेघनाथ बाण द्वारा रोक देता है। तब लक्ष्मण तथा मेघनाथ में घनघोर युद्ध प्रारंभ हो जाता है।
मेघनाथ नागपाश द्वारा श्रीराम और लक्ष्मण को बांध देता है। रामा दल में हाहाकार मच जाता है। तब नारद जी गरुड़ को लाते हैं गरुड़ उन नागों का भक्षण करते हैं। श्रीराम व लक्ष्मण नागफांस से मुक्त हो जाते हैं।
पुनः लक्ष्मण तथा मेघनाथ में युद्व प्रारंभ हो जाता है। अंत में मेघनाथ के शीश तथा भुजा को बाण द्वारा लक्ष्मण जी काट देते हैं। मेघनाथ की भुजा सुलोचना के महल में गिरती है।
तथा शीश रामा दल में रखा जाता है सुलोचना भुजा द्वारा लिखित संदेश को पढ़कर अपनी सास मंदोदरी तथा ससुर रावण से आदेश लेकर डोली द्वारा रामा दल में अपने पति का शीश मांगने आती है। श्रीराम उसका सम्मान करते हैं पति शीश के साथ सती हो जाने की कामना भी श्रीराम जी सुनते हैं।
कुछ रामा दल के वीरों के प्रस्ताव पर श्रीराम सती से कहते हैं की यदि तुम्हारे पति का शीश हंस दे तो तुम्हें शीश दे दिया जाएगा। सुलोचना ने सतीत्व का प्रमाण दिया, सुलोचना के अनुरोध पर मेघनाथ का कटा शरीर जोर-जोर से हंसने लगा।
जिसे देखकर सभी अचंभित हो गए। पति के शीश को लेकर सुलोचना चली आई और चिता को सजवा कर उसमें शीश सहित सती हो गई। लीला का संवाद लेखन श्री भगवान शाह ने किया है पात्रों का सिंगार रितेश सोनी ने व लीला का निर्देशन। कामतानाथ वर्मा ने किया।
करनैलगंज की रामलीला में दशहरे की एक दिन पूर्व आयोजित हो रहे फांसी नाटक के मंचन को देखने के लिए दूरदराज क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह नाटक मंगलवार को आयोजित होगा।
जिसमें फांसी का सजीव मंचन किया जाता है और उस समय लोगों के होश फाख्ता हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में दर्शकों की भारी भीड़ होती है।
रामलीला कमेटी के मीडिया प्रभारी अशोक कुमार शुक्ला एवं ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने बताया कि दशहरे के दिन रामलीला को भव्य बनाने के लिए 40 फुट ऊंचे रावण का दहन होगा।
इस रामलीला में राम और रावण का विमान पूरे रामलीला मैदान में चलकर युद्ध करता है यह लीला देखने के लिए आसपास के दूरदराज जिलों से भी श्रद्धालु करनैलगंज में आते हैं।
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