वासुदेव यादव
अयोध्या।सद्गुरु कबीर मानवतावाद के समर्थक थे।यही कारण है कि हर वर्ग के लोग सदगुरु कबीर को कल भी आदर्श मानते थे और आज भी आदर्श मानते हैं क्योंकि मानवता की स्थापना के लिए सारे प्रयास किए जाते हैं जिसमे सदगुरु कबीर सटीक बैठते हैं।
मंगलवार को यह बातें बतौर मुख्य अतिथि तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहीं।वे जीयनपुर स्थित कबीर मठ में शुरू हुए तीन दिवसीय सांप्रदायिक सौहार्द कबीर मेले के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी,ऐतिहासिक गुरुद्वारा ब्रह्म कुंड के ज्ञानी चरनजीत सिंह व हिंदू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील शर्मा शुक्ला रहे।
मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष रामचंद्र वर्मा रहे जबकि अध्यक्षता उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.बी सिंह ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत सदगुरु कबीर,संस्थापक रामसूरत साहेब व निर्माण कर्ता उदार साहेब के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई जिसके बाद बीजक पाठ किया गया।इस मौके पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इकबाल अंसारी ने कहा कि कबीर साहब सभी के आदर्श और मानवता ही सर्वश्रेष्ठ है।विशिष्ट अतिथि ज्ञानी चरनजीत सिंह ने कहा कि सदगुरु कबीर की कहीं बातें आज के समय में भी प्रासंगिक है।
विशिष्ट अतिथि सुनील शुक्ला ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को सदगुरु कबीर के आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है।मुख्य वक्ता राम चंद्र वर्मा ने कहा कि समूचे संसार में कोई अधिकृत और विभूति के रूप में प्रख्यात हुआ है तो वह संत शिरोमणि सतगुरु कबीर साहब ही हैं क्योंकि उन्होंने देश और संसार को स्वावलंबन का संदेश दिया है।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एम.बी सिंह ने कहा कि आज का आयोजन बहुत ही सुंदर है।कबीर साहेब के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं जहां दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं को कबीर साहेब के विचारों को सुनने समझने और जानने का अवसर मिल रहा है और इसके साथ ही यह सम्मेलन संपन्न हो रहा है।
कार्यक्रम को डीसीएफ बस्ती के पूर्व चेयरमैन रामशंकर निराला, राम उजागर,जोखू प्रसाद यादव, राम प्रकाश दास,राधेश्याम दास व रविंद्र दास आदि लोगों ने संबोधित किया।कार्यक्रम समापन अवसर पर महंत उमा शंकर दास में अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से निर्मल कुमार वर्मा,शील दास साहेब,अनूप कुमार जयसवाल,कृष्णा वर्मा,राम अभिलाख वर्मा,बलराम वर्मा, अजीत वर्मा,अजीत यादव, अमरनाथ वर्मा,विनोद पटेल,राम आशीष दुबे,देवा द्विवेदी व केशरी प्रसाद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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