आनंद गुप्ता
पलिया कलां खीरी तेज महेंद्रा सरस्वती विद्या भारती विद्यालय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज पलिया कलां खीरी के प्रबन्धक राम बचन तिवारी ने सरखना पूरब में मृतक शंकर पुजारी (सूरदास) जी की विधवा को सांत्वना देने हेतु सहायता सामग्री लेकर पहुंचे।
शंकर पुजारी जन्मांध थे। अपने गांव में ही गांव तथा पलिया के समाज की सहायता से मन्दिर की स्थापना कराई। उसी में भगवत्कृपा से उसका जीवन यापन होता था।
एक सप्ताह पूर्व पुजारी शंकर की मृत्यु के पश्चात पुजारी शंकर की विधवा पत्नी को काफी परेशानी हुई।
इसकी सूचना वही के रहने वाले आचार्य नरेन्द्र राना ने विद्यालय को दी। सूचना पाकर प्रबन्धक रामबचन तिवारी ने आटा, दाल, चावल, नामक एवं सरसों का तेल आदि खाद्य सामग्री की किट लेकर बरसात के कीचड़ युक्त रास्तों से उस मां के घर पहुंचे।
सामग्री देकर उसे सांत्वना देते हुए आगे भी हर परेशानी में सहयोग का आश्वासन दिया।
आपको बताते हुए आश्चर्य हो रहा है कि सरखना गांव निवासी शंकर जन्म से ही अंधे थे मगर वह लोगों की हस्तरेखा देखकर या यूं कहें कि महसूस करके उसका भविष्य बताया करते थे ।
वह व्यक्ति को उसके नाम से कम उसके नंबर से अधिक पहचानते थे जन्मांध होते हुए भी वह प्रकांड ज्योतिष भी थे यही प्रतिभा उनके प्रति लोगो को आकर्षित किया करती थी और लोग दूर दूर से उनसे मिलने आया करते थे।
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