कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। मानवीय संवेदना को लेकर शुक्रवार की रात चर्चा का विषय बन गयी। एक तरफ जहां ममता की निर्ममता की पीड़ा सामने आयी तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग की पेश हुई मानवता की पहल बाजार में सराहना लिये हुए दिखी।
शुक्रवार की देर रात किसी ने नगर पंचायत के सांगीपुर वार्ड स्थित प्राथमिक विद्यालय के समीप नहर रोड पर नवजात बच्ची को लावारिस छोड दिया। कहा गया है कि जिसका कोई नही होता उसका खुदा होता है यारों या जाको राखे सांईयां मार सके न कोय के तहत देर रात बाजार से चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी सहयोगियों के साथ घर जा रहे थे।
संयोगात स्कूल के पास लघुशंका के लिए चेयरपर्सन प्रतिनिधि का वाहन रूका। इस बीच उनके साथ मौजूद लोगों ने किसी नवजात की रूदन की आवाज सुनीं। टार्च की रोशनी में देखा गया तो तौलिया तथा शॉल मे लिपटी कुछ घंटों की नवजात बच्ची सिसकियां भर रही थी।
आननफानन में नवजात को लालगंज सीएचसी लाया गया। यहां चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी ने पुलिस को सूचना दिया। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल तथा कोतवाली के दरोगा अनीस यादव व दरोगा योेगेन्द्र सिंह एवं महिला आरक्षी शिवांगी अस्पताल पहुंच गये।
यहां अधीक्षक डा. अरविंद गुप्ता की देखरेख में नवजात का मेडिकल केयर शुरू हुआ। इधर विधायक आराधना मिश्रा मोना के मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल भी अस्पताल पहुंचे और नवजात की देखरेख के बाबत जानकारियां ली। पुलिस ने नवजात के मिलने की जानकारी फौरन चाइल्ड लाइन को दी।
देर रात महिला आरक्षी शिवांगी के साथ नवजात को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजवाया गया। नवजात के लावारिस मिलने पर अस्पताल में मौजूद तीमारदार महिलाएं भी उसे देखने के लिए जुट गयी। नवजात का वजन कराया गया तो वह दो किलो एक सौ तीस ग्राम निकला।
शनिवार को नवजात के मिलने की चर्चा बाजार तथा आसपास छायी रही। लोग जहां नवजात को निर्दयता के साथ लावारिस सडक पर छोड देने की टीस मे दिखे, वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि समेत पुलिस व स्वास्थ्य महकमे की मानवीय संवेदना की सराहना भी करते दिखे।
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