रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से डेढ़ दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
जहां शनिवार की शाम को बाढ़ के पानी की दस्तक हुई थी वहां रातों-रात करीब 2 से 3 फिट से भी अधिक पानी पूरे गांव में फैल गया। जिससे गोंडा जिले के 10 गांव एवं गोंडा बाराबंकी की सीमा पर बसे आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। तथा गांव जलमग्न हो चुके है।
वहीं दूसरी तरफ घाघरा के जलस्तर का बढ़ना जारी है और डिस्चार्ज भी तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार शाम तक पानी का डिस्चार्ज 3 लाख 70 हजार क्यूसेक था तो रविवार दोपहर में डिस्चार्ज का स्तर 4 लाख 40 हजार से अधिक होने के कारण पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है।
रविवार की शाम को घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था। घाघरा में बीते 2 वर्षों से बाढ़ का समय बीत जाने के बाद बाढ़ आ रही है।
जिसमें चंदापुर किटौली के पास बांध कटे लगा था और नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 1 मीटर ऊपर पहुंच गया था। वही स्थिति इस वर्ष भी हो रही है सितंबर माह में बारिश और बाढ़ के चलते सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था अब अक्टूबर माह में पानी का एक और शैलाब आने से बाढ़ की स्थिति बिगड़ती दिखाई देने लगी है।
डिस्चार्ज बढ़ने से पानी और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। मगर अधिकारियों की माने तो डिस्चार्ज जारी है दो दिन तक बढोत्तरी होने की संभावना है उसके बाद यदि बैराजों से पानी कम छोड़ा गया तो जलस्तर घटने की संभावना है।
शनिवार की शाम को गोंडा बाराबंकी जिले की सीमा पर मौजूद गांव माझा रायपुर, नउवनपुरवा, परसावल, नेपुरा, कमियार गांव में पानी की दस्तक हो गई थी। जहां रविवार को एक बार फिर से पूरे पूरे गांव जलमग्न हो गए और लगभग पूरे गांव के सभी घरों में पानी भर चुका है।
इसी तरह गोंडा जिले के नकहरा गांव के 10 मजरों में पूरी तरफ बाढ़ का पानी घुस गया है। सभी गांव जलमग्न हो चुके हैं और करीब 3 फीट पानी गांव में भर गया है।
मौके पर पहुंचकर उप जिलाधिकारी हीरालाल ने बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया और गांव में नाव की व्यवस्था कराई।
गांव के ग्रामीणों को एक बार फिर सुरक्षित बाहर निकलवा कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचवाने का प्रयास किया। एहतियात के तौर पर राजस्व टीम गांव में तैनात कर दी गई हैं।
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