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करनैलगंज:धान, सब्जी व गन्ना की फसलें जल मग्न होकर नष्ट होने की कगार पर



रजनीश / ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से पानी का घटना शुरू हो गया है। मगर करनैलगंज की सरयू नदी में आए पानी के सैलाब से जलमग्न गांव की संख्या बढ़ती जा रही है। 


लगातार धान, सब्जी व गन्ना की फसलें जल मग्न होकर नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई हैं। घाघरा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है और उससे प्रभावित गांव में पानी धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया है। 


मगर ग्रामीणों को अभी महीनों तक बाढ़ का दंश झेलना पड़ेगा। पूरी तरीके से बाढ़ समाप्त होने में महीनों लग सकते हैं। ग्राम माझा रायपुर, परसावल, बेहटा, पारा, कमियार, नउवन पुरवा एवं गोंडा जिले का नकहरा गांव ऐसा है जहां की स्थिति अभी भी बेहद खराब स्थिति में है। 


जलभराव अधिक होने के कारण ग्रामीण अभी अपने घर बार एवं गांव तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इन गांवों के करीब दो दर्जन मजरे बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित है। 


वहीं करनैलगंज की सरयू नदी में आए उफान से जलमग्न होने वाले गांव की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और लहलहाती फसलें बाढ़ के पानी में डूबती नजर आ रही है। जिससे किसानों में मायूसी है। 


सब्जी, धान, गन्ना की फसल खेतों में ही सड़ने लगी है। करनैलगंज की सरयू नदी का जलस्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि धीरे धीरे नदी बढ़ती जा रही है। 


उप जिलाधिकारी हीरालाल ने बताया कि नकहरा गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों को राशन एवं लंच पैकेट की व्यवस्था के साथ-साथ त्रिपाल छाजन व अन्य सामग्री व पेयजल लगातार उपलब्ध कराया जा रहा है। 


सरयू नदी से प्रभावित होने वाले गांव में राजस्व निरीक्षक एवं लेखपालों को लगाया गया है। जिनके द्वारा डिमांड के मुताबिक नावें लगाई गई हैं और लगातार निगरानी की जा रही हैं।

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